पायल एक नया सवेरा फाउंडेशन ने सात बेटियों की पढ़ाई का जिम्मा लिया
बिलासपुर,छत्तीसगढ़। दूर दृष्टि, पक्का इरादा और मन में कुछ करने की ललक हो तो सफलता खुद कदम चूमती है। एक अरसे से समाजसेवा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में अपनी अलग पहचान बना चुकी पायल लाठ ने इसे चरितार्थ कर दिखाया है। पायल का कहना है कि अपने और अपनों के लिये तो सभी जीते हैं, थोड़ा दूसरों के लिए भी जीकर देखिये, कितना सुकून मिलेगा। पायल एक नया सवेरा फाउंडेशन की अध्यक्ष पायल लाठ दीन दुखियों, पीड़ितों और जरूरतमन्दों की सेवा में सतत सक्रिय हैं। वे अब तक सात स्कूली बच्चों को गोद लेकर उनकी पढ़ाई का निर्वहन कर रही हैं ।
उन्होंने बैगा जनजाति की पांच बेटियों की पढ़ाई का बीड़ा उठाया गया है। बिलासपुर के मोहंती इंग्लिश मीडियम स्कूल में पायल एक नया सवेरा फाउंडेशन ने वनांचल क्षेत्र में रहने वाली राष्ट्रपति की दत्तक पांच बेटियों का भविष्य बनाने उनकी शिक्षा की जिम्मेदारी ली है। फाउंडेशन की अध्यक्ष पायल लाठ ने बताया कि फाउंडेशन के उपाध्यक्ष चंचल सलूजा को बच्चों की शिक्षा की जानकारी प्राप्त हुई थी कि वनांचल क्षेत्रों से आई हुई बैगा जनजाति की बच्चियों को शहर में रहकर पढ़ाई करने में आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है ।
पायल एक नया सवेरा फाउंडेशन ने इनकी पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाई और स्कूल पहुंचकर कागजी कार्रवाई के बाद यह जिम्मेदारी ली। कुरानी बैगा, श्वेता बैगा, कृष्णा बैगा, राजकुमारी बैगा, सुनीता बैगा नामक इन पांच बच्चियों की शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी अब फाउंडेशन द्वारा उठाया जाएगा। इसके अलावा पायल एक नया सवेरा फाउंडेशन ने सेंट फ्रांसिस स्कूल की कक्षा 3 की छात्रा अंकिता करण और कक्षा 11वीं की अनंता सोनी की पढ़ाई की जिम्मेदारी भी उठाई।मोहंती स्कूल की बैगा बच्चियों की स्कूल यूनिफॉर्म एवं स्कूल शूज का इंतजाम भी फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है।
अध्यक्ष पायल लाठ का कहना है इन बैगा बच्चियों को दूसरे बच्चों से अलग नहीं लगना चाहिए और वे किसी तरह की हीन भावना महसूस ना करें इसीलिए उनके लिये सारे इंतजाम किये गये हैं। इस अवसर पर फाउंडेशन की अध्यक्ष पायल लाठ़, उपाध्यक्ष चंचल सलूजा, राजू सलूजा मौजूद रहे।
पायल लाठ बैगा जनजातियों से काफ़ी पहले से जुड़ी हुई हैं । पिछले साल बीहड़ जंगल क्षेत्र में जाकर उन्होंने बैगा परिवारों को कंपकपाती ठंड में गर्म कपड़े, स्वेटर और कंबल दिये थे । पायल ने कहा कि बच्चों को पढ़ाई के लिये प्रेरित करना जरूरी है। हमारा उद्देश्य बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि भविष्य में ये समाज को नई दिशा देने के काबिल बन सकें।