हर महीने की 9 तारीख को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर करा सकती हैं फ्री जांच
अलीगंज। सरकार देश में गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कई तरह योजनाएं चलाती है. इन्हीं योजनाओं में से एक है प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान जो प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए शुरू की गई योजना है जिसमें गरीब महिलाओं को लाभ देने का प्रयास सरकार द्वारा किया जाता है. इस योजना के द्वारा मजदूरी करने वाली महिलाओं को मदद पहुंचाई जाती है. गर्भवती होने के कारण कई बार महिलाएं मजदूरी नहीं कर पाती हैं और उनका काम छूट जाता है. ऐसे में सरकार ऐसी महिलाओं को मदद करने के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा देती है. इस योजना का लाभ लेने के लिए आप अस्पताल में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना क्या है?
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व स्कीम को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाया जाता है. इस स्कीम की शुरुआत साल 2016 में गई थी. इस स्कीम के तहत गर्भवती महिला अपने पूरे प्रेगनेंसी के दौरान फ्री में जांच करा सकती है. इसमें हर महिला अपनी डिलीवरी तक हर महीने की 9 तारीख तक अपने घर के पास के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर फ्री में अपनी जांच और इलाज करा सकती है। डिलीवरी के समय महिला का ब्लड प्रेशर, ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, हीमोग्लोबिन जांच और अल्ट्रासाउंड भी फ्री में किया जाता है. इसके साथ ही महिला को डिलीवरी में परेशानी होने पर उच्च चिकित्सा केन्द्रों में भी रेफर किया जा सकता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अलीगंज पर दी गई जानकारी
नर्स मेंटल अलीगंज उमा राजपूत ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारे सीएचसी अलीगंज पर प्रधानमंत्री द्वारा चलाई जा रही योजना के तहत गर्भवती महिला अपने पूरे प्रेगनेंसी के दौरान फ्री में जांच कर सकती हैं। जो महिलाएं हाई रिस्क में आती हैं जैसे एनिमेनिया, खून की कमी, या उन महिलाओं के ऑपरेशन से एक या उससे ज्यादा बच्चे खत्म हो जाते हैं उन महिलाओं के लिए पहले से तैयारी की जाती है जो आने वाला प्रसव है उसको सुरक्षित किया जा सके और वह भी हमारे संस्थागत किया जाए ना कि प्राइवेट अस्पताल में।
अगर गर्भवती महिलाओं को एनीमिया की शिकायत होती है तो उनको हम आयरन की डोज देते हैं जिससे खून कम होता है वह तीन-चार डोज देने के बाद कवर हो जाता है। वही बायो मेडिकल वेस्टज के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि स्टाफ या सीएचसी पर जो भी कर्मी तैनात हैं तथा मरीजों के साथ आने वाले लोगों को यह जानकारी देना चाहते हैं कि सीएचसी पर पांच तरीके के सफेद, काला, नीला, पीला, लाल बॉक्स रखे गए हैं जिनकी जानकारी होना अति आवश्यक है। जो सफेद वाला डिब्बा है उसमें नुकीली मेटल वाली चीजों को रखा जाता है। काले वाले बॉक्स में कचरा रखा जाता हैं जिसको दोबारा प्रयोग नहीं किया जा सकता। नीले वाले बॉक्स में कांच की चीज डाली जाती हैं और वही पीले वाले बॉक्स में संक्रमित बाली चाहिए जैसे खून से लथपथ कपड़ा, पस, पट्टी बलगम, जिससे संक्रमण फैल सकता है।
और लाल वाले बॉक्स में प्लास्टिक वाली चीजें को रखा जाता है जो वायु डस्ट बाली। जब भी मरीज को उनके परिजन लेकर आए तो इन चीजों से सतर्क रहें क्योंकि उन्हें नहीं पता होता जो गंदगी इंफेक्शन वाली चीजें होती हैं उसे इन्फेक्शन लग सकता है। वही मरीज के साथ आए लो इधर-उधर कचरा ना फैलाकर के कचरे वाले डिब्बे में ही कचरा डालें। और गर्भवती महिलाएं जब भी सीएचसी से डिस्चार्ज होकर अपने घर जाएं तो बच्चों को सिर्फ मां का ही दूध देना चाहिए और कुछ भी अलग से नहीं देना चाहिए और प्रत्येक बच्चे में 2-3 वर्ष का अंतर होना चाहिए।
दिलीप सिंह मंडल ब्यूरो एटा उत्तर प्रदेश