वैन और लोडर में जोरदार टक्कर इकलौते चिराग की हुई मौत, परिजनों में मचा कोहराम

राजनीति के रसूख के आगे बौने साबित हो रहे अधिकारी

केंद्रीय मंत्री के संरक्षण में चल रहा विद्यालय जहां पर नहीं हो रहा मानको का पालन

फाइल फोटो


सुनील कुमार मिश्रा/नवयुग समाचार

बिल्हौर: क्षेत्र के अरौल में एक स्कूली वैन में पीछे से एक लोडर ने जोरदार टक्कर मार दी। वैन आगे चल रहे ट्रक और लोडर के बीच दब गई। जिससे मारूति वैन के परखच्चे उड़ गए। हादसे में नौ बच्चे और चालक सहित 10 लोग घायल हो गए। जिसमें एक बच्चे को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
अरौल थाना व कस्बा स्थित सोनेलाल पटेल एजुकेशन सेंटर में छुट्टी होने के बाद स्कूली वैन बच्चों को लेकर उनके घर छोड़ने जा रही थी तभी सरैया गांव के सामने कानपुर अलीगढ़ हाईवे पर पीछे से आ रहे एक लोडर ने वैन में जोरदार टक्कर मार दी। घटना में वैन आगे चल रहे ट्रक और लोडर के बीच दबकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।

हादसे में वैन में सवार आंकिन गांव निवासी

देवेंद्र दीक्षित की आठ वर्षीय पुत्री निष्ठा दीक्षित, वेद कुमार की 10 वर्षीय पुत्री समृद्धि ,आलोक त्रिपाठी का 10 वर्षीय पुत्र यश त्रिपाठी, रजनीश त्रिपाठी का 12 वर्षीय पुत्र सूर्यांश त्रिपाठी, वेद प्रकाश द्विवेदी 11 वर्षीय पुत्र अभिनंदन, अभिषेक की 6 वर्षीय पुत्री अनिका, सुबोध कुमार की 12 वर्षीय पुत्री ऐश्वर्य एवं बरैयनपुरवा निवासी प्रमोद का 6 वर्षीय पुत्र देवांक, सरमन चौरसिया की 12 वर्षीय पुत्री कृतिका और वैन चालक हलपुरा गांव निवासी हरिओम कटियार सहित दस लोग घायल हो गए। घटना होते ही हर तरफ चीख पुकार मच गई।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके पर पहुंची एंबुलेंस से सभी घायलों को आनन फानन में बिल्हौर सीएचसी भिजवाया जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद आंकिन निवासी यश त्रिपाठी को मृत घोषित कर दिया और अन्य घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद बच्चों को गंभीर हालत में कानपुर हैलट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।

घटना की जानकारी मिलते ही विधायक राहुल बच्चा सोनकर, एसडीएम रश्मि लांबा, एडिशनल डीसीपी विजेंद्र द्विवेदी, एसीपी अजय त्रिवेदी, थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह, थाना अरौल अखिलेश कुमार पाल, चौकी इंचार्ज सतीश चंद्र यादव, तहसीलदार तिमिराज सिंह मौके पर पहुंच गए।

पुलिस के अनुसार लोडर चालक को पकड़ लिया गया है लेकिन परिजनों द्वारा पोस्टमार्टम करने से मना कर दिया घर के परिजनों द्वारा मृतक का शव आंकिन गांव ले आने पर जिद करने लगे। पुलिस सुरक्षा में मृतक यश त्रिपाठी को पुलिस भारी सुरक्षा के साथ गांव लेकर पहुंची जहां पर मृतक का शव देखकर चीख-पुकार मच गई।

घर का एकलौता बेटा नहीं रहा, क्या करुंगी कह कर मां बेसुध होकर गस खाकर बार बार बेहोश होकर गिर रही थी वहीं बहन और पिता की आंखों से आशू बंद होने का नाम नहीं ले रहे थे। ये सब नजारा देख कर पुलिस प्रशासन ग्रामीणों की आंखों से आशू निकल रहें थे।

जिलाधिकारी ने मामले को लिया संज्ञान। सभी घायलों को देखने पहुंचे जिला अस्पताल जिलाधिकारी ने घटना को संज्ञान लेकर गठित की कमेटी 3 सदस्यीय बीएसए, उपजिलाधिकारी, आरटीओ की टीम करेगी जांच। शासन के निर्देश के अनुसार विद्यालय में लगी सभी गाड़ियों की भी होगी जांच। पुलिस पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को समझातीं रही।

काफी देर बाद परिजन तैयार हुए पोस्टमार्टम के लिए। भारी पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में भेजा गया बच्चे का शव पोस्टमार्टम के लिए। आखिरकार प्रशासन द्वारा मानक विहीन गाडियों पर क्यों नहीं की जाती है कारवाही।

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