रांची
आज हाई कोर्ट के आदेश के बाद प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण देने पर रोक लग जाने पर अपनी प्रतिक्रिया मे कही । इन्होने आगे कहा कि अब सरकार को बताना चाहिए कि अब वो झारखंड रोजगार अधिनियम 2021मे संशोधन कर पून: इसको लागु करेगी या फिर सर्वोच्च न्यायालय मे इस आदेश के खिलाफ सरकार अपील करेगी ।
विजय शंकर नायक ने आगे कहा है कि हेमंत सरकार द्वारा जितने भी झारखंड के लोगो के लिए उनके हक और अधिकार के लिए नियम कानून बना रही है सब कोर्ट मे धराशाई होकर ध्वस्त हो जा रहा है और तो कई कानून राज्यपाल महोदय के यही से बिना कानून बनाए वापस हो जा रही है । जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य की सरकार कानून के विद्धानो से राय और मशवरा नही ले रही है और राज्य की विधि विभाग भी राज्य सरकार को सलाह अच्छे से ना देकर सरकार को फजीहत कराने के साथ साथ झारखंडी समाज को उनके हक और अधिकार से वंचित कराने का कार्य कर रही है जो राज्य के शोषित पीड़ित अधिकार से वंचित लोगो के लिए शुभ संकेत नही है ।
विजय नायक ने आगे यह भी कहा कि राज्य सरकार को कोई भी कानून बनाने से पूर्व हजारो बार एक्सरसाइज विधि विभाग एवं झारखंड के विद्धान कानून के विद्धान से विचार विमर्श कर ही कानून बना कर झारखंड के लोगो को उनके हक और अधिकार दिलाने की दिशा मे कारवाई करे ताकि न्यायालय मे बनाये गये कानून टिक सके और भविष्य मे सरकार की फजीहत होने से बचा जा सके । नही तो यह माना जायेगा की सिर्फ सरकार झारखंडी जनता को आईवास कर बेवकुफ बनाने का कार्य कर रही है ।