जनशिकायत समाधान कार्यक्रम : झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर झारखंड के 23जिलों में जन शिकायत समाधान कार्यक्रम आयोजित किया गया। पूर्वी सिंहभूम जिला में यह कार्यक्रम दिनांक 18 दिसंबर 2024 को बिष्टुपुर के माइकल जॉन आडिटोरियम में संपन्न हुआ जहां इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (IG) अखिलेश कुमार झा के अलावा SSP किशोर कौशल की रही महत्वपूर्ण भूमिका।
इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस अखिलेश कुमार झा ने थाना प्रभारियों से कहा कि अक्सर लोग जानकारी के अभाव में ऐसी समस्या लेकर थाने पहुंच जाते हैं जिनका निदान कहीं और होना होता है। उन्होंने निर्देश दिया है कि थाने पर मौजूद पुलिस कर्मी उस व्यक्ति का आवेदन स्वीकार कर और जिस विभाग की शिकायत है उनके पास भेज दें। आईजी ने पुलिस कर्मियों से कहा कि जो समस्या उनसे संबंधित है उसमें वह कार्रवाई करे।
आईजी ने कहा कि कानून-व्यवस्था में शिकायतों की अहम भूमिका होती है। यह शिकायतें बताती हैं कि उस इलाके में क्या समस्या है। किस किस्म का अपराध है। इस जानकारी को पुलिस अपराध नियंत्रण के लिए सहेज सकती है। आईजी ने कहा कि साइबर फ्राड रियलिटी है। साइबर फ्राड होगा। उन्होंने कहा कि पैसा जहां होगा वहीं से चोरी होगा। पैसा आपके पास है तो चोर यहां से चोरी करेगा। पैसा घर में है तो वहां से चोरी होगा।
इस दौर में पैसा डिजिटली रन कर रहा है। इसीलिए साइबर ठग इसे डिजिटली पार करने की कोशिश करते हैं। आईजी ने कहा कि इसे लेकर सभी को सजग रहने की जरूरत है। आईजी ने कहा कि पुलिस के पास शिकायत आने की कई मध्यम है। आप आफ लाइन थाने पर जाकर आवेदन दे सकते हैं। झारखंड आनलाइन एफआईआर सिस्टम भी है। यहां लोग अपनी कंप्लेन भेज सकते हैं।
इसके अलावा, झारखंड सरकार का अपना सिस्टम भी है। आईजी ने जनता से कहा कि वह सिस्टम को मजबूत करें। उपरोक्त के दौरान एसडीओ ने कहा कि जिस काम की समीक्षा नहीं होती वह काम नहीं होता। इस पर, आईजी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से आहवान किया है कि वह थानों पर जाकर वहां आने वाली शिकायतों की समीक्षा करें। शिकायतों की जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि यूएसए में कोई क्राइम होता है तो लोग 911 पर काल करते हैं। यूके में यह 100 था। यह हमारे पास भी था। अब यह हमारे यहां 112 हो गया है। यह अच्छी व्यवस्था है। इसका एप भी है। महिला सुरक्षा से भी संबंधित है। आईजी ने कहा कि जन समाधान कार्यक्रम का मकसद है थानों को जनता के प्रति जिम्मेदार बनाना।
आईजी ने थाना प्रभारियों को बताया कि जब आप शिकायत लेंगे तो आप का काम बढ़ेगा। इसका मतलब यह नहीं है कि जो शख्स आपके पास शिकायत लेकर आया है उसकी शिकायत नहीं ली जाए। उन्होंने थाना प्रभारियों से कहा कि शिकायत कर्ता से बेवजह बहस नहीं करें। उन्होंने इसे एक मिसाल से समझाया कि अगर कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है तो डाक्टर के पास जाता है। डाक्टर उसका इलाज करता है। डाक्टर उसे डांट-फटकार नहीं करता कि उसने यह गलती की तो बुखार आ गया। बताते चलें कि आईजी के अलावा एसएसपी किशोर कौशल और अन्य पुलिस अधिकारियों व थाना प्रभारियों ने फरियादियों की शिकायत सुनी।