उपरोक्त बातें आज झारखंड बचाओ मोर्चा के वरिष्ठ नेता सह आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने माननीय प्रधानमंत्री के झारखंड दौरा के क्रम में रांची एवं भगवान बिरसा के जन्मस्थली जाने पर आज उक्त बातें कही । इन्होंने यह भी आगे कहा की संविधान के भाग 21 के अनुच्छेद 371 से लेकर 371j के तक 12 राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है मगर झारखंड राज्य को विशेष दर्जा आज तक नहीं दिया गया जबकि झारखंड राज्य विशेष राज्य का दर्जा देने की जो अहर्ता रखी गई है उसे आहर्ताओं को झारखंड राज्य पूर्ण रूप से पूरा करती है ऐसे में माननीय प्रधानमंत्री से हम मांग करते हैं कि वह राज्य स्थापना दिवस एवं भगवान बिरसा के जन्मदिन को ऐतिहासिक बनाने की दिशा में वे झारखंड राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की घोषणा करें l
श्री नायक ने आगे कहा की झारखंड राज्य विशेष राज्य के दर्जा प्राप्ति करने हेतु जो केंद्र सरकार ने विशेष राज्य को दर्जा देने हेतु जो आहर्ताएं रखी है उन आहर्ताओं को सभी क्षेत्र में राज्य पूरा करती है जैसे
राज्य में संसाधनों का अभाव हो प्रति व्यक्ति आय कम हो राज्य के वित्त के लिए विषम परिस्थितियां हों आर्थिक और संरचनाभूत पिछड़ापन आदिवासियों की बड़ी आबादी पहाड़ी और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से सटे होने के कारण राज्य का रणनीतिक महत्व आबादी का कम घनत्व होना । इसके बावजूद केंद्र में बैठी सभी सरकारों ने चाहे कांग्रेस की सरकार हो चाहे भारतीय जनता पार्टी की सरकार हो सभी ने झारखंड राज्य को अन्याय करने का काम किया है जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा l
श्री नायक ने यह भी कहा कि झारखंड की विशेष राज्य के दर्जा की लड़ाई को उसके तार्किक अंत तक ले जाएंगे। रघुराम राजन समिति की रिपोर्ट, जिसने झारखंड को देश के पांचवें सबसे गरीब राज्य के रूप में रखा है, ने झारखंड को विशेष पैकेज देने के उद्देश्य को रेखांकित किया l अब विशेष राज्य दर्जे की मांग को टाल मटोल की राजनीति से ऊपर उठकर इस बिंदु पर सभी पार्टियों को एक जुट होना चाहिए ताकि राज्य के लोगों को वाजिब हक मिल सके l
श्री नायक ने आगे यह भी बताया की झारखंड के भाजपा और समर्थित दल अगर झारखंड का भला चाहते हैं तो झारखंड को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने का काम करें। ताकि देश के सबसे पिछड़े राज्य की श्रेणी से राज्य को उबारा जा सके l ज्ञातव्य हो की जब कांग्रेस की केंद्र मे सरकार थी तो 9 वर्ष पहले तत्कालीन झाविमो और आजसू ने विधानसभा से लेकर सड़क तक आंदोलन चलाकर झारखंड को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी। यहां तक की 2012 में तत्कालीन पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल की बैठक में भी प्रधानमंत्री के समक्ष विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग किया था आज दो टर्म केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही उसके बावजूद ना तो बाबूलाल मरांडी ना तो आज शुभ सुप्रीमो सुदेश महतो और ना तो केंद्र में बैठे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा अब विशेष राज्य का दर्जा की मांग को नहीं उठाने का काम करते हैं जिससे यह प्रतीत होता है कि जब-जब कांग्रेस की सरकार केंद्र में बैठती है तो भाजपाई एवं आजसू के लोग विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर मगरमच्छ की तरह आस यू बहने लगते हैं और भाजपा की सरकार केंद्र में आते ही यह चुप हो जाते हैं जिसे झारखंड की जनता देख रही है और समझ रही है झारखंड की जनता को ज्यादा दिन तक बरगलाया नहीं जा सकता है इसलिए बाबूलाल मरांडी जी अर्जुन मुंडा जी एवं सुदेश महतो जी अभी आपकी सरकार है आप झारखंड राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की दिशा में एक ठोस पहल करने का काम करें ताकि झारखंड की जनता आपको सम्मान दे सके