सकीट। जैसे-जैसे दीपावली नजदीक आ रही है कस्बा के कई इलाकों में पटाखा कारोबार तेजी से फलने फूलने लगा है इसमें लोगों की गहरी रुचि देखते हुए कारोबारी बिना लाइसेंस घनी आबादी के बीच घरों में चोरी छुपी भंडारण कर रहे है सुप्रीम कोर्ट की शक्ति के बावजूद पटाखों के अवैध भंडारण कार्यवाही को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं दिख रहा है
अधिकारियों की लापरवाही से इस धंधे से जुड़े लोगों की हौसले बुलंद है और वे थोड़े से फायदे के लिए आम लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं जैसे-जैसे दीपावली नजदीक आ रही है कई इलाकों में पटाखा कारोबार तेजी से फलने फूलने लगा है हालाकि पटाखा को लेकर अब तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है लेकिन इसमें लोगों की गहरी रुचि को देखते हुए कारोबारी बिना लाइसेंस घनी आबादी के बीचो-बीच घरों में चोरी छुपे पटाखों का भंडारण कर रहे हैं दीपावली पर बिकने वाले देसी सुतली बम इसके प्रमाण हैं जिस पर फैक्ट्री का नाम नही होता है ना लाइसेंस संख्या कम खर्चे में कई गुना दामों में पटाखे की बिक्री के चक्कर में कारोबारी लोगों की जान से खिलवाड़ करने से नहीं चूकते दीपावली में करीब बीस दिन शेष बचे हैं लेकिन पटाखे के अवैध भंडारण के खिलाफ अभियान आज तक शुरू नहीं हुआ हर बार घटना के बाद प्रशासन जगाता है ।
ग्रामीण इलाकों तक फैला जाल
कस्बा ही नहीं पटाखे की अवैध भंडारण का जाल ग्रामीण इलाकों तक फैल चुका है कस्बा के मोहल्ला गंज, मोहल्ला सराय, मोहल्ला काजी, पीपल टोला सहित ग्रामीण इलाकों की नौरंगाबाद, भगवंतपुर, कुल्ला हबीबपुर, शेखपुरा आदि इलाके शामिल है।
नहीं चेते तो हो सकती है बड़ी घटना
प्रशासन अगर समय रहते नहीं चेता तो बड़ा हादसा हो सकता है कस्बा, ग्रामीण क्षेत्र में अधिक तीव्रता वाले पटाखों का कारोबार जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी से फल फूल रहा है पाबंदी के नाम पर पुलिस प्रशासन कागजी कोरम तक ही सीमित है
फायदे के चक्कर में परवाह नहीं
बारूद में खुद का घर उजड़े या पड़ोसी का कारोबारी को इससे मतलब नहीं उन्हें दीपावली पर सिर्फ जायदा कमाई नजर आती है ऐसे कारोबारी जान की परवाह किए बिना परिवार की महिलाओं, बच्चों को बारूद के ढेर पर बैठा देते हैं साथ ही पड़ोसियों को भी मुसीबत में डाल देते हैं।
दिलीप सिंह मंडल ब्यूरो एटा उत्तर प्रदेश