अलीगंज। अलीगंज क्षेत्र में श्री रघुनाथ कथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है जिसके चलते श्री रघुनाथ कथा के दूसरे दिन श्री राम जन्म लीला का वर्णन किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने श्री राम जन्म कथा का अनुसरण किया और श्री रामचंद्र जी के आदर्शों पर चलने कि प्रतिज्ञा की। वही श्री रामचंद्र जी के जीवन के बारे में कथा वाचक द्वारा भक्तगणों को बताया गया की किस प्रकार श्री रामचंद्र जी ने अपने जीवन काल में भक्तों का उद्धार किया और सत्य मार्ग पर चलने का भक्तजनों से आवाहन किया।
अलीगंज क्षेत्र के कायमगंज रोड स्थित कोल्ड स्टोर के समीप से रघुनाथ कृपा भवन पर रघुनाथ कथा का आयोजन किया जा रहा है।
रघुनाथ कथा के दूसरे दिन श्री राम जन्म लीला का वर्णन किया गया। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय कथाकार एवं समाज सुधारक मनोज अवस्थी जी ने श्री राम जन्म लीला की कथा का वर्णन करते हुए बताया कि भगवान राम का धरती पर प्राकट्य होते ही पूरा पंडाल जय श्री राम के जयघोष से गुंजयमान हो उठा। श्री रघुनाथ कथा को सुनने के लिए पंडाल में भारी भीड़ उमड़ रही है।
रामलीला मंचन के दौरान कलाकारों ने दिखाया कि बुढ़ापे की अवस्था में संतान नहीं होने पर अयोध्या नरेश दशरथ चिंतित हो जाते हैं। तो दूसरी तरफ रावण के अत्याचार से त्रस्त ऋषि मुनियों ने भगवान विष्णु से प्रार्थना किया। इसके बाद रावण के अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान विष्णु अयोध्या के राजा दशरथ के घर राम के रूप में जन्म लेते है।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्म के साथ ही देवता फूलों की वर्षा करते हैं। अयोध्या नगरी में नगरवासी जश्न मनाते हैं। चारों ओर घंटे-घड़ियाल और शंखों की गूंज उठने लगती है। रघुराई के जन्म लेते ही जय श्रीराम के नारे गूंज उठे, चारों ओर खुशियां छा जाती हैं। महिलाओं ने मंगल गीत गया, राजा दशरथ ने राम के पैदा होने पर ब्राह्मणों और दीन दुखियों को सोने की मुद्रा दान की।
सत्संग से ही अच्छे चरित्र का निर्माण होता है। राम नाम की महिमा का वर्णन करते हुए कहा है कि पापी भी एक बार राम का नाम लेकर सहजता से सद्गति को प्राप्त कर सकता है। इस दौरान श्रद्धालुओं ने श्री राम जन्म कथा का लोक तो उठाया और श्री रामचंद्र जी के जीवन आदर्शो पर चलने का संकल्प लिया।
दिलीप सिंह मंडल ब्यूरो एटा उत्तर प्रदेश