उपरोक्त आरोप लगाते हुए आज आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने आज कही । इन्होने साफ शब्दो मे कहा कि अडाणी को झारखंड मे येन केन प्रकरेण सत्ता किसी भी हालत मे चाहिए।
इन्होने उदाहरण देते हुए आगे बताया कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनी और अडाणी को हंसदेव जंगल के अन्दर कोयला खदान और बैलाडिला का लौह-अयस्क काफी जनविरोध के बाद भी दे दिया गया परिणाम मध्य भारत का फेफड़ा कहे जाने वाले जंगल मे लगे हजारो हजार वृक्ष को काट दिया गया ।
ओड़िसा में भाजपा की सरकार बनी तो अडाणी ने बाॅक्साईट में पूंजीनिवेश शुरू कर दिया है। आज न कल भाजपा सरकार आदिवासियों से नियमगिरी पहाड़ छीनकर अडाणी को दे देगी। 2014 में झारखंड में भाजपा की सरकार बनी थी तब गोड्डा में आदिवासियो के धान की लहलहाती फसल पर बुलडोजर चलाकर अडाणी के लिए कब्जा किया गया।
श्री नायक ने आगे कहा कि अब अडाणी की नजर झारखंड के कोल्हान क्षेत्र मे स्थित सारंडा जंगल का लौह-अयस्क है, जिसके लिए झारखंड में भाजपा का सरकार होना जरूरी है इसलिए कोल्हान क्षेत्र से आने वाले नेता चम्पई सोरेन को आगे कर भाजपाई लोग अडाणी की निजी स्वार्थ को पुरा करने का कार्य मे लग गये और चम्पई सोरेन को मोहरा बना कर सारंडा के खान खनीज, जंगल और जमीन कोलूटने की साजिश रचने का कार्य कर रहे है संघी भाजपाई लोग ।
विजय शंकर नायक ने यह भी कहा कि ‘‘माॅं के नाम एक पेड़’’ लगाने का कार्य-क्रम सिर्फ दिखावा मात्र है हसदेव के जंगल से हजारो लाखो पेड़ को अडानी के इशारो पर कटवा दिया गया, और ये भाजपाई लोग पेड़ लगाने का नाटक कर रहे है। इन भाजपाई का मक़सद और उद्धेश्य एक है की सारा जंगल अपने आका और पार्टी के फाइनेंसर अडाणी को सौपना इनका मूल मकसद है।
विजय शंकर नायक ने सभी आदिवासी मूलवासी झारखंडी समाज से अपील किया कि ‘‘आदिवासी मूलवासी एंव प्रकृति तथा जीवन’’ को तबाह करने वाले संघी/भाजपाईयोें को झारखंड से उखाड़कर फेंकना है ताकि इन भाजपाईयों गलत मंसूबो पर पानी फेरा जा सके और भाजपा को सत्ता से दुर किया जा सके ।