
सकीट (एटा)
कस्बा सकीट के आस पास सभी गांव में हो रही है भागवत और महिलाएं कलश भरने के लिए नदी पे जाती है, सभी ट्रैक्टर से नदी पे जाते है लेकिन गांव वाले उनको ट्राली में असुरक्षित तरीके से ट्रैक्टर-ट्रॉली में बैठाकर ले जा रहे हैं, जिससे सभी महिलाएं लड़कियां की जान जोखिम में है। पूर्व में हुई घटनाओं के बाद भी इस ओर पुलिस द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
गांवों तक जाने के लिए यह लोग ट्रॉली में अंदर बैठने की जगह ट्रॉली के ऊपर बैठकर जाते हैं। यदि ट्रॉली तेज स्पीड में गड्ढे में गिर जाए या ब्रेक लगा दिए जाएं तो यह कलश भरने जाने वाले लोग नीचे गिरकर घायल हो सकते हैं। साथ ही ऐसी लापरवाही से बड़ा हादसा भी हो सकता है। इसके बाद भी महिलाओ और बच्चो को ले जाने वाले लोग इसकी परवाह किए बगैर इन्हें ट्रॉली में असुरक्षित ढंग से ले जाते हैं और पुलिस के सामने से जब यह ट्रॉली निकलती हैं फिर भी कार्रवाई नहीं की जाती है।
हो चुके हैं हादसे

कुछ वर्षों पूर्व कलश भरने वाली बच्चियों से भरी ट्रॉली के पलटने से कई बच्चे महिलाएं नीचे दब गए थे और गंभीर चोटें आई थीं। इस हादसे में कुछ महिलाओं की मौत भी हो गई थी, लेकिन इन हादसों के बाद भी न तो पुलिस प्रशासन सक्रिय हुआ है और न ही कलश भाने के लिए ले जाने वाले लोग। यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो फिर से इस प्रकार का हादसा हो सकता है।
श्रद्धालु असुरक्षित तरीके से बैठकर जाते हैं।
अन्य वाहनों भी हो रही ओवरलोडिंग
ट्रैक्टर-ट्रॉली सहित अन्य वाहनों में भी क्षमता से अधिक सवारियां बैठाई जा रही हैं, लेकिन इनपर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। जबकि ओवरलोडिंग से हादसों की आशंका बनी रहती है।
दिलीप सिह मंडल ब्यूरो एटा उतर प्रदेश सुनील शाक्य सकीट