जमशेदपुर : श्रेष्ठ समाज निर्माण में मीडिया की भूमिका विषयक सेमिनार सह सम्मान समारोह – 2025 का आयोजन ब्रह्माकुमारीज जमशेदपुर के सौजन्य से रविवार को मरीन ड्राइव स्थित युनिवर्सल पीस पैलेस रीट्रीट सेंटर के प्रेक्षागृह में आयोजित की गई। इसमें बतौर अतिथि वरिष्ठ पत्रकार एवं ब्रह्मामकुमारीज अंतरराष्ट्रीय हेडक्वार्टर माउंट आबू से आएं कोमल जी , दैनिक भास्कर के संपादक भावानंद झा, चमकता आईना के संपादक जय प्रकाश राय , न्यू इस्पात मेल के संपादक ब्रजभूषण सिंह, जमशेदपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजीव भारद्वाज, एआईएसएम जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अरूण मांझी , संजय शर्मा, ब्रह्मामकुमारीज की बहन अंजू दीदी उपस्थित थीं।

कार्यक्रम में एक नन्ही सी बच्ची स्वागत गान के धून पर अतिथियों पर पुष्प वर्षा कर सुंदर मनमोहक नृत्य की झांकी प्रस्तुत कर तालियां बटोरी। बाद में अतिथियों ने बारी-बारी से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया।
आईए जाने कार्यक्रम में किसने क्या कहा ?
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अंजू बहन ने कहा कि राजू बगान कीताडीह से ब्रह्मामकुमारीज का सफर शुरू हुआ। आज विभिन्न क्षेत्रों में यहां 26 शाखाएं हैं, जहां से सेवा के कार्य निरंतर जारी है। सेवाओं से लोगों को जो लाभ होता है । उन बातों को उचित जगह तक पहुंचाने में मीडिया की अहम भूमिका होती है। आगे कहा कि कला व्यक्ति को आकर्षित करती है। भारत उन्नति की ओर आगे जा रहा है।
ऐसा माना जाता है। परंतु चरित्र के रूप में हम पीछे है। लोगों के जीवन में खालीपन है। ऐसे में लोगों को दिशा कौन देगा ? युवाओं को रास्ता कौन दिखाएगा ? आज रिश्तों में अपनापन नहीं है। बदलाव हर कोई चाहता है। लेकिन बदलाव कहां से और कौन शुरू करेगा ? साकारात्मक बदलाव , जिससे भारत अपना खोया हुआ सम्मान पा सके , ऐसी कोशिश होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम बाहरी रूप से तो मजबूत हुये हैं लेकिन आंतरिक रूप से मजबूत नहीं हुए हैं।

बेहतर समाज के निर्माण में आपकी भूमिका क्या होनी चाहिए ? इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सिर्फ पुलिस प्रशासन को दोष देना ठीक नहीं है। हमें सोच बदलना होगा। शिक्षकों, बिजनेस मैन समेत तमाम लोगों को समाज को बदलने में साकारात्मक सोच को कार्यरूप देने पर बल देना होगा। स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन लाएं इसपर भी बल देने होगा ।
उन्होंने अध्यात्म ,
कल और आज के भारत पर भी प्रकाश डालीं ।
माउंट आबू से आएं कोमल जी ने कहा कि पुरी दुनिया और समाज के बारे में जो लोग सोचते हैं उनके बारे में ईश्वर सोचते हैं। पत्रकारिकता के महत्व एवं चुनौतियों पर प्रकाश डालते हूं उन्होंने कहा कि पत्रकारिकता तीसरा नेत्र खोलता है। यदि पत्रकार ईमानदारी से जितना चादर है उतना ही पैर फैलाए तो कोई दिक्कत नहीं है, और सुकून से आप जी भी लेंगे। इस सोच के साथ पत्रकारिता करने पर उन्होंने बल दिया। आगे उन्होंने कहा कि चुनौतियां कई है। पर कलम की ताकत का इस्तेमाल कीजिए। ईमानदारी से किया हुआ काम, आपको आजीवन जिंदा रखेगा। ईमानदारी, निष्ठा और मूल को मन में संजोए रखिए। यही आपको जिंदा रखेगा।
उन्होंने समाज में घटित घृणित घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि रावण के राज में भी मासूम बच्चियों की सामूहिक रेप नहीं होती थी । दानवों ने भी ऐसा घृणित घटनाओं को अंजाम नहीं दिया। आज कैसा युग आ गया है ? मनुष्य को सबसे बुद्धिजीवी प्राणी कहा गया है , परंतु आज जो मनुष्य का कृत है उसपर सवाल उठ रहे हैं , बेटियां काटकर फ्रीज में रखीं जा रही है। आज समाज किस ओर चल पड़ा है ? ऐसे में हमें चिंतन करना होगा। समाज निर्माण में हमें अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी होगी। आज परिवार का परिभाषा बदल गया है। हम बहुत दर्द वाली समाज में जी रहे हैं। इस सब के बीच ब्रह्मामकुमारीज का सुंदर समाज निर्माण के लिए दुनिया के 140 देशों में सेवा का कार्य चल रहा है। आईए आप और हम बदलाव के लिए मिलकर कदम बढ़ाये।
चमकता आईना के संपादक जय प्रकाश राय ने कहा कि आज पत्रकारिता की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा हुआ है।
न छपे , लेकिन गलत न छपे एक वो दौर था। एक आज का दौर है। पत्रकारिकता को कैसे बेहतर बनाएं , विश्वसनीयता को कैसे बरकरार रखा जा सके। इन बातों पर उन्होंने जोर दिया। उन्होंने कहा कि ढ़ेर सारे कार्यक्रमों में हम जाते हैं , परंतु ब्रह्मामकुमारीज के कार्यक्रम में हमें आना पड़ता है । यह फर्क है। उन्होंने कहा कि हम खुद के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं। इस बात पर भी पत्रकारों को चिंतन करना होगा।
उन्होंने सलाह देते हुए पत्रकारों से कहा कि सीधा और सरल लिखिए कोई परेशानी नहीं है। जहां भटकेंगे तो समस्या खड़ी होगी। उन्होंने कहा कि आज के दौर में व्यंग्य और विनोद खत्म हो गया है।
जमशेदपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजीव भारद्वाज ने कहा कि खबर छूट जाए पर गलत न हो। इस सोच के साथ यदि कोई पत्रकारिकता करता है तो उसे कोई परेशानी नहीं है। वैसे तो हर दिन चुनौती है।
न्यू इस्पात मेल के संपादक ब्रज भूषण सिंह ने कहा कि स्वस्थ मीडिया अपना स्वास्थ्य कैसे ठीक रख सकें उसके सामने ही चुनौतियां हैं। मीडिया का साकारात्मक नजरिया ब्रह्माकुमारीज के संपर्क में आकर हासिल किया जा सकता है।
एआईएसएम के अरूण मांझी ने कहा कि चुनौतियां बहुत है। आज समाज में गार्जियनशिप खत्म हो गया है जो घातक है। नया दौर चला है। नई पीढ़ी संस्कार से दूर जा रहे हैं । जिस पर चिंतन करना होगा। उन्होंने कहा कि अच्छी मानसिकता के साथ हमें पत्रकारिकता करने की जरूरत है।
संजय शर्मा ने कहा कि आज समाज के लिए किसी के पास टाइम नहीं है। चाहे वो कोई भी मीडिया हाउस हो।
दैनिक भास्कर के संपादक भावानंद झा ने ब्रह्मामकुमारीज के क्रिया कलापों की प्रशंसा करते हुए साकारात्मक खबरों की महत्ता पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के दौरान ब्रह्मामकुमारीज संस्थान की ओर से तमाम अतिथियों एवं पत्रकारों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।