जमशेदपुर। एमजीएम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल जमशेदपुर डिपार्टमेंट ऑफ़ ब्लड बैंक के तरफ से रक्तदान करने वाले समाजसेवी व संगठनों को सम्मानित करने के लिए दिनांक 15 मार्च 2024 को अस्पताल के सभागार में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
आयोजन के संचालन कर्ता प्रभात गुप्ता के अनुसार सम्मानित मुख्य अतिथियों के द्वारा सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित किया गया। इसके उपरांत सभा को संबोधित करते हुए डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ नकुल चौधरी ने कहा मानव हित में एवं स्वयं के हित में रक्तदान करना चाहिए; रक्तदान कर स्वयं भी स्वस्थ रहें तथा औरों को जिंदगी दें। कार्यक्रम में एमजीएम कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ के एन सिंह ने सभागार में उपस्थित आयोजकों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि रक्तदान करना एकमात्र विकल्प; इसकी खेती नहीं की जा सकती!
आप सभी के द्वारा रक्तदान का कार्य अद्भुत और सराहनीय है। समारोह में उपस्थित सैकड़ो समाजसेवी व संगठनों को एमजीएम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल जमशेदपुर डिपार्टमेंट ऑफ़ ब्लड बैंक के तरफ से मुख्य अतिथियों द्वारा ससम्मान प्रशंसा प्रमाण पत्र भेंट किए गए। जिसमें समाजसेवियों व संगठनों के द्वारा किए गए प्रयासों के लिए आभार प्रकट किया गया है। सभागार में एमजीएम अस्पताल के डॉ के एन सिंह प्रिंसिपल, डॉ रवीन्द्र कुमार अधीक्षक, डॉ एन पी चौधरी डीएस, डॉ नारायण ओरावन, डॉ वी बी के चौधरी एचओडी ब्लड बैंक, डॉ नतासा देवगम, डॉ ई ए सोरेंग, डॉ श्वेता सहाय की उपस्थिति में डालसा के पीएलवी नागेन्द्र कुमार, आनंद मार्ग से सुनील आंनद, शनि देव भक्त मंडली, यात्रा नए जीवन की शुरुआत रीना सिंह, ओबीसी कांग्रेस से सुरेंद्र शर्मा, प्रयास एक कदम से रेनू शर्मा, बजरंग दल से पूनम रेड्डी, अंतर्राष्ट्रीय मानवता अधिकार एवं मीडिया संगठन के जिला अध्यक्ष एसआरके कमलेश समेत अन्य रक्तदान करने वाले समाजसेवी संगठनों को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र व रक्त के प्रतीक वाली टोपी जिसमें यह कहा गया है कि प्रत्येक डोनर हीरो है; को भेंट कर सम्मानित करने का काम किया गया।
मौके पर जमशेदपुर एमजीएम ब्लड बैंक से राघव कुमार, प्रभात गुप्ता, संजय कुमार, रोशनी कुमारी, करिश्मा कुमारी, राजेश बहादुर शामिल थे। बताते चले की रक्तदाता का रक्त किसके शरीर की नसों में जिंदगी बनकर दौड़ेगा इसकी जानकारी रक्तदाता को नहीं होती, इसका प्रतिफल अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से किस रूप में आपको मिलेगा इस बात की जानकारी आपको नहीं होती पर सुखद अनुभूति का एहसास तो होता है। तो क्यों ना मानव का मानवीय पहल उस क्षेत्र में हो जहां असहाय, जिसका कोई नहीं, निहायत ही गरीब, निहायत ही जरूरतमंद के शरीर के लिए हो; उसके लिए सरकारी अस्पताल एक अच्छा प्लेटफॉर्म है।
विशेष संवाददाता धनंजय कुमार (7857826506) की रिपोर्ट।