केंद्र सरकार राज्य सरकार से वन भूमि का NOC लेकर धालभूमगढ़ एयरपोर्ट निर्माण कार्य को प्रारंभ करे :विद्युत बरण महतो

सांसद बिद्युत बरण महतो ने आज लोकसभा में एयरपोर्ट का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र जमशेदपुर टाटा जो औद्योगिक घराने के नाम से मशहूर है तथा टाटा जैसे बड़े उद्यमी स्थापित हैं। एमएसएमई का एक बड़ा सेक्टर भी आदित्यपुर में है और एमएसएमई एवं ऑटोमोबाइल सेक्टर में छोटे-बड़े उ‌द्योगों को मिलाकर लगभग दो हजार उद्योग स्थापित हैं तथा यहाँ माइंस का भी बहुत बड़ा क्षेत्र है। इसलिए केंद्र सरकार ने यहां पर स्थित धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसके लिए लगभग सौ करोड़ रुपये आवंटित भी किये है। उक्त एयरपोर्ट की स्वीकृति के बाद जनवरी 2019 में झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास एवं पूर्व राज्यमंत्री नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार जयंत सिन्हा के द्वारा भूमि पूजन कर शिलान्यास किया गया था।

परंतु दुर्भाग्य कि बात है कि उक्त एयरपोर्ट का अभीतक वन विभाग के द्वारा एनओसी न मिलने के कारण काम शुरू नहीं हो सका। गौरतलब हो कि द्वितीय विश्वयुद्ध सन् 1942 के समय भी उक्त स्थान पर यह एयरपोर्ट था और उस समय तो घना जंगल भी था पर आज तो कुछ भी वैसा नहीं है। पूर्व में उक्त स्थान पर वन विभाग के सीसीएफ तीन डीएफओ ने कहा था कोई दिक्कत नहीं है उस वक्त एयरपोर्ट अथॉरिटी के पदाधिकारी भी वहां उपस्थित थे।

उक्त स्थान के 500 मीटर की दूरी पर NH एवं 100 मीटर की दूरी पर रेलवे लाइन है। पूर्व में भी वन विभाग एवं एयरपोर्ट अथॉरिटी के लोग कम से कम 10 बार उक्त स्थल का निरीक्षण किया था और कहा गया था की जंगली बांसो का झुंड है जिसे हटा लिया जाएगा। राज्य सरकार ने केन्द्रीय सरकार के उस आदेश को निरस्त करते हुए यह स्पष्ट किया की यहाँ किसी प्रकार का एलीफैंट कोरिडोर कभी था ही नहीं।

राज्य सरकार ने यह आदेश भी जारी किया है की इससे उपयुक्त जगह कहीं नही हो सकता परन्तु इतनी स्पष्ट होने के बावजूद अब तक राज्य सरकार भारत सरकार से फारेस्ट क्लीयरेंस सर्टिफिकेट की मांग क्यों नही कर रही है। जबकि माननीय नगरिक उड्डयन मंत्री ने यह स्पष्ट किया है की वन अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलते ही हम एअरपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा।

सांसद श्री महतो ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि राज्य सरकार से वार्ता करके वन भूमि का अनापत्ति प्रमाण निर्गत कराते हुए धालभूमगढ़ एयरपोर्ट निर्माण की कार्य को प्रारंभ किया जाय, ताकि यहां पर एयरपोर्ट बन जाने से केवल झारखण्ड ही नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल के खड़गपुर, मिदनापुर, झाड़ग्राम, पुरुलिया और ओडिशा के बारिपदा, मयूरभंज और बालेश्वर भी जमशेदपुर जैसे बड़े शहर से जुड़ जाएंगे।

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