सुनील बाजपेई
कानपुर। यहां आपरेटिव इस्टेट कार्यालय स्थित आडिटोरियम में अमेरिका से पधारे परमपूज्य स्वामी नलिनानन्द गिरि जी महाराज ने पधार कर चेयरमैन विजय कपूर एवं उद्यमियों को वेदों की वाणी एवं अपने आशीर्वाद से अभिसिंचित किया।
विगत दिवस एक कार्यक्रम में स्वामी नलिनानन्द गिरि जी महाराज ने चेयरमैन श्री विजय कपूर जी को और कानपुर के उद्योगों को सतत् प्रगतिशील होने का आशीर्वाद दिया था और श्री विजय कपूर के अनुरोध पर कोआपरेटिव इस्टेट परिसर में पधारकर उद्यमियों को आशीर्वाद देने की सहमति प्रदान की थी।
चेयरमैन श्री विजय कपूर जी ने उद्यमियों के साथ स्वामी नलिनानन्द गिरि जी महाराज को अंगवस्त्र पहनाकर एवं भगवान श्रीकृष्ण के रथ की अनुकृति वाला स्मृति-चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इसी के साथ सनातन धर्म में सर्व-पूजनीय मॉ-तुलसी के पौधे स्वामी नलिनानन्द गिरि जी महाराज को भेंट किये। परमपूज्य स्वामी नलिनानन्द गिरि जी महाराज सनातन धर्म-ध्वजा के उत्थान और प्रचार-प्रसार के योद्धा है।
वे अनेको भाषाओं के ज्ञाता हैं और अब तक 88 देशों में भ्रमण करके वहॉ सनातन धर्म का परचम फहरा चुके हैं, और निरन्तर अपने सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में तत्पर हैं। अभी हाल ही में उनको भारत के अयोध्या धाम के नवनिर्मित राम मन्दिर समिति का ट्रस्टी भी बनाया गया है। स्वामी नलिनानन्द गिरि महाराज ने रामायण और वेदों के उद्धरण देते हुए, अपने अमृत वचनों से उपस्थित उद्यमियों को जीवन के गूढ़ रहस्यों से परिचित कराया। उन्होने कानपुर के उद्योगों को निरन्तर प्रगति करने का आशीर्वाद दिया और उद्यमियों को अमेरिका स्थित अपने आश्रम में आने का निमंत्रण दिया।
इस कार्यक्रम में कोआपरेटिव इन्डस्ट्रियल इस्टेट, कानपुर के चेयरमैन श्री विजय कपूर के साथ प्रमुख रूप से उपाध्यक्ष श्री सुरेश पुरी, निदेशक हरीश इसरानी, आर.पी. सिंह, दिनेश कुशवाहा, विशाल खण्डेलवाल, उद्यमी प्रवीन पुरी, संदीप मल्होत्रा, अनिल मल्होत्रा(गप्पू), सुशील मोहन टकरू, अनिल श्रीवास्तव, अरविन्द पिपरसेनिया, नवीन मल्होत्रा, नरेश पंजाबी, अनूप कुशवाहा, श्याम बिजलानी, श्याम लाल मूलचंदानी, हरेन्दर सिंह(डिम्पल), एडवोकेट महेश मखीजा, राजेन्द्र गुप्ता, पम्मी खन्ना, गोपाल सदाना, भीमसेन, अरूण जैन, गुलशन कपूर, गुरविन्दर सिंह गप्पी, शिव कुमार प्रजापति, सुरेश गोयल, सीताराम शुक्ला, नरेश विरमानी, एवं बहुत से सदस्यगण उपस्थित रहे।