सुनील बाजपेई
कानपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि देश और समाज के हित में जो उचित लगता हो उसका अनुसरण करके आगे बढ़ना चाहिए।
आज रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
रामा विश्वविद्यालय, मंधना के तीसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
ऋषि मुनियों और धार्मिक ग्रंथो का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा- भारतीय दृष्टि देखिए कितनी महान थी। हमने सत्य के मार्ग पर चलने की बात कही है। यानी सत्य के साथ-साथ धर्म के मार्ग का अनुसरण करो।
उन्होंने कहा- अगर दुनिया के अंदर धर्मों को किसी ने समझा है तो भारतीय ऋषियों ने समझा है। उपासना तक सीमित नहीं रखा। किसी भी ऋषि ने ये नहीं कहा कि जो मैं कह रहा हूं वही सत्य है। आपकी मर्जी आप मेरी बात मानो या न मानो। देश और समाज के लिए जो अच्छा लगता हो उसका आचरण करके आगे बढ़ो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे यह भी कहा कि कोई भी भारत का सनातन धर्मावलंबी ये नहीं कह सकता है कि वह तभी हिन्दू है जब वह मंदिर जाएगा। जो जाएगा वह भी है और जो नहीं जाएगा वह भी है। कोई बाध्यता नहीं है उसके लिए। मैं वेदों को मानू न शानू, मैं शास्त्रों में विश्वास करूं न करूं। तभी मेरा हिन्दुज्म कही मुझसे भाग नहीं जा रहा है। वह तब भी हमें जोड़कर चल रहा है।
उपासना विधि की भी चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि धर्म को हमने कभी उपासना विधि तक सीमित नहीं किया। किसी एक ईष्ट या एक ग्रंथ तक सीमित नहीं किया। उन्होंने कहा-आज भी हर एक भारतीय परिवार अपने घर में वैदिक ग्रंथ संजो कर रखता है। उसे पता है कि यह मेरी पहचान है।
उन्होंने धर्म को बहुत सूक्ष्म तत्व बताते हुए कहा कि उसे हर कोई नहीं समझ पाएगा। इसलिए जो भी हमारे महापुरुष कहें उनके मार्ग का अनुसरण करो।
अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने डिजिटल अरेस्ट की भी चर्चा की और कहा कि डिजिटल अरेस्ट की बहुत शिकायत आ रही है। इसके लिए हमें जागरूक होना है। संस्थाओं की जिम्मेदारी है कि वह आम जनमानस को जागरूक करें।