मानवअधिकार हनन के मामले में जांच करने पहुंची आयोग की टीम

मानवाधिकार आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार से पीड़ित को 2 लाख रूपये का मुआवजा दिए जाने के निर्देश!

मामले के गवाहों और शिकायत कर्ता से जुटाए साक्ष्य

जैन मुनि विद्यासागर की निंदा करने के आरोप में शिकायतकर्ता जा चुका है जेल!

शिकायत कर्ता ने मध्य प्रदेश पुलिस पर लगाया मानवाधिकार हनन का आरोप

सीनियर आई पी एस मामले की कर रहे जांच

अलीगंज। मानवाधिकार आयोग ने अलीगंज के पीड़ित डॉ योगेश जैन पुत्र गिरीश चन्द्र ने बीते दिनों एक कोरोना काल में उनके द्वारा जैन मुनि विद्यासागर महाराज पर एक कमेंट किया गया था इस टिप्पणी से उन पर तरह तरह के आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट दर्ज कराई गई लगातार जाँच पड़ताल भी की गयी लेकिन अब उनको मानवाधिकार आयोग से राहत मिल गयी। वही मानवाधिकार आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार को 2 लाख रूपये मुआवजा पीड़ित को दिए जाने की रिपोर्ट सौपी है 6 सप्ताह में आयोग द्वारा दिए गए जाँच व मुआवजा दिए जाने को निर्देशित किया है। बताते चले कि मानवाधिकार हनन के मामले की जांच करने को आयोग का एक दल सीनियर आई पी एस अधिकारी की निगरानी जनपद एटा के अलीगंज पहुंचा ।जहां आयोग की टीम ने शिकायत कर्ता डॉक्टर योगेश जैन की लिखित शिकायत का संज्ञान लेते हुए मौके पर पहुंच कर मामले की बारीकी से जांच पड़ताल की और साक्ष्य जुटाए।आयोग की टीम पहुंचने के बाद कस्बे में हड़कंप मच गया।मानवाधिकार आयोग के अधिकारी सबसे पहले शिकायत कर्ता के आवास पर पहुंचे जहां करीब दो घंटे तक मानवाधिकार आयोग के सीनियर आई पी एस पाटिल केतन ने शिकायत कर्ता से बंद कमरे में पूछताछ की।पूर्व में शिकायत कर्ता के साथ घटित हुई घटना को बारीकी से परखने के लिए मौके पर पहुंच कर आयोग के दल ने घटना स्थल का निरीक्षण किया।और प्रत्यक्ष दर्शियों के भी बयान दर्ज किए।शिकायत कर्ता के परिजनों अपहरण किए जाने की दर्ज करवाई गई एफ आई आर के मामले में तत्कालीन अलीगंज थाना प्रभारी पंकज मिश्रा और और जांच अधिकारी संजय सिंह को भी आयोग ने तलब किया और बयान दर्ज किए।

मध्य प्रदेश पुलिस पर शिकायत कर्ता ने लगाए गम्भीर आरोप

शिकायत कर्ता योगेश जैन का आरोप है की कोरोना काल में उनके द्वारा जैन मुनि विद्यासागर महाराज पर एक कमेंट किया गया था ।जिसके विरोध में मुनि निंदक होने का आरोप लगाकर मध्यप्रदेश के भोपाल,टीकमगढ़,विदिशा,सागर सहित कई जगह जैन मुनि के अनुयायियों द्वारा एफ आई आर दर्ज करवाई गई थी।एफ आई आर के आधार पर आयोग द्वारा जाँच की गयी जाँच में पीड़ित डॉ योगेश जैन को सफलता मिली ।

दिलीप सिंह मंडल ब्यूरो एटा उत्तर प्रदेश

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