कृष्ण सुदामा के मिलन पर रोए फिर झूमे भक्त

  • विधायक राहुल बच्चा आदि ने कथाव्यास एवं भगवान से लिया आशीर्वाद

  • घोड़ी चढ़ भगवान कृष्ण पहुंचे रुक्मिणी से व्याह रचाने

संजय त्रिपाठी/नवयुग समाचार

बिल्हौर: श्री बनखंडेश्वर सेवा समिति द्वारा २४वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर नगरपालिका बिल्हौर क्षेत्र अंतर्गत जूनियर हाईस्कूल प्रांगण में श्री मदभगवत कथा का आयोजन प्रारंभ कराया गया। औरैया से आए कथाव्यास आचार्य अंकुश जी महाराज द्वारा कथा के चतुर्थ दिवस राजा बलि, भगवान वामन अवतार, श्रीराम चरित्र एवं श्री कृष्ण जन्मोत्सव आदि कथाओं का रसपान कराया और बड़े सहज तरीके से समझाया। तत्पश्चात बीते रविवार को ही श्रीकृष्ण भगवान की बाल लीलाओं, गोवर्धन पूजा एवं गिरिराज की आरती आदि कथाएं सुनाई। वहीं आज सोमवार को महारासलीला, उद्धव ब्रज गमन, रुक्मिणी विवाह और फूलों की होली आदि कथाओं का रसपान कराया गया।

कार्यक्रम के दौरान भक्तिरस में सराबोर कर देने वाले भजनों के गायन के समय भक्तों को बड़े भक्तिभाव से थिरकते हुए देखा गया। रुक्मिणी विवाह एवं फूलों की होली के समय बिल्हौर विधायक राहुल बच्चा सोनकर, बिल्हौर थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवेंद्र कटियार, पूर्व जिलापंचायत सदस्य अश्वनी कटियार, प्रधान संघ अध्यक्ष अजीत सिंह आदि उपस्थित रहे। जहां परीक्षित के रूप में धर्मेंद्र कटियार सपत्नीक रहे। दिव्य कथा के अवसर पर श्री बनखंडेश्वर सेवा समिति के अध्यक्ष सुरेश गुप्ता, महामंत्री रामू कटियार के साथ साथ धर्मेंद्र कटियार, अरविंद कटियार, राजेंद्र त्रिपाठी, गोविंद अवस्थी, विवेक सविता, सुमित गुप्ता, रामचंद्र कटियार, राकेश त्रिवेदी, सुमित गुप्ता, मदन लाल गुप्ता, डॉ. मोहन शुक्ला आदि मौजूद रहे। आपको बता दें कि कल्याणकारी श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन 3 जनवरी बुधवार को प्रारंभ हुआ था जिसका समापन 9 जनवरी दिन मंगलवार को हो गया। समापन वाले दिन सुदामा चरित्र, श्री सुकदेव की विदाई एवं श्री मदभागवतपुराण की पूजा अर्चना की गई। उपस्थित जन समुदाय ने बड़े भक्ति भाव से कथाव्यास अंकुर जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।

समापन वाले दिन आरती से पहले उत्तर भारत के प्रख्यात परशुराम अभिनेता एवं श्रीमद्भागवत कथावाचक पंडित रामबाबू द्विवेदी ‘मयंक’ भी पहुंचे आपके द्वारा श्लोकों को झड़ी लगा दी गई और उपस्थिति जनसैलाब को संबोधित करते हुए श्री बनखंडेश्वर मंदिर पर अतिक्रमण करने वालों को आगाह किया गया। मंदिर सभागार में भगवान लक्ष्मीनारायण की बड़ी मूर्ति स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया जिस प्रस्ताव पर समिति के सदस्यों के साथ साथ नगरवासियों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ मोहर लगा दी।

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