बाल अधिकार व संरक्षण पर न्यायालय सभागार में आयोजित हुआ प्रशिक्षण कार्यक्रम
दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का जिला जज ने किया शुभारंभ
संतकबीरनगर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में दीवानी कचहरी के न्यायालय सभागार में शुक्रवार को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ मा० जिला जज ने माँ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन करते हुए किया। बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए मा० जनपद न्यायाधीश महेंद्र प्रसाद चौधरी ने कहा कि जीरो से 18 वर्ष के बालकों के लिए विधि में अलग से प्रावधान किए गए हैं, जो बालक व बालिका दोनों के लिए संरक्षित है। प्रशिक्षण कार्यक्रम पैनल अधिवक्ताओं व पैरालीगल वालंटियर्स के लिए आयोजित है। इस प्रशिक्षण के माध्यम में जनपद में बच्चो हेतु निहित कानूनी सहायता की कड़ी मजबूत होगी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व अपर जिला जज महेंद्र कुमार सिंह ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के गठन से लेकर उसके अधीन किए जा रहे कार्यों की रूपरेखा बताई। न्यायिक मजिस्ट्रेट अभिनव त्रिपाठी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में विस्तार से चर्चा किया। लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के चीफ अन्जय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि संविधान में कुल 54 ऐसे अनुच्छेद हैं, जो बाल अधिकार का उल्लेख करते हैं। उन्होंने उनके शिक्षा, स्वास्थ्य, समानता, संरक्षण और विकास के बारे में बताया। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राकेश कुमार श्रीवास्तव ने बालकों के हितों के बारे में बताते हुए सीडब्ल्यूसी के गठन के बाबत जानकारी दी। लीगल एड डिफेंस काउंसिल के डिप्टी संजीव कुमार पांडेय ने बाल तस्करी व बाल श्रम के रोकथाम के उपायों के बारे में बताया। बाल कल्याण समिति के सदस्य अजय कुमार पांडेय, साधना श्रीवास्तव, गीता सिंह समेत अनेक लोगों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित किया।
इस अवसर पर अपर जिला जज रमेश दुबे, विशेष न्यायाधीश भूपेंद्र राय, विशेष न्यायाधीश कृष्ण कुमार, पैनल अधिवक्ता देवेन्द्र लाल श्रीवास्तव, राममिलन चौधरी, सुरेश चंद्र पांडेय, रंजू देवी, अजय कुमार सिंह, इमरान खान, राम शरण राव, तथा कार्यालय सहायक राम भवन चौधरी, वीरेंद्र कुमार, जय शंकर,पराविधिक स्वयं सेवक मुलायम सिंह, गंगाराम, शैलेन्द्र कुमार समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।