संतकबीरनगर। जनपद में दीपावली के पर्व को सुरक्षित एवं अग्निसुरक्षा के दृष्टिकोण से सुव्यवस्थित बनाने के दृष्टिगत जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने आमजन से अपील किया है कि दीपावली के पर्व पर घरों के अंदर पटाखे न जलाएं, केवल खुले स्थानों पर ही पटाखे चलाएं, पटाखे चलाते समय पानी व बालू का भण्डारण पर्याप्त मात्रा में रखे ताकि आग लगने पर उसको बुझाया जा सके, पटाखों की दुकान गली मोहल्ला आदि में न लगाए बल्कि प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थान पर ही लगाएं। उन्होंने बताया कि पटाखो की दुकान के पास दुकानदारों द्वारा पर्याप्त मात्रा में बालू, पानी व फायर एस्टिंगयूसर रखे जाये, ज्वलनशील पदार्थ जैसे-गैस केरोसीन, पेट्रोल आदि के भंडार के आस पास भी पटाखे न चलाए, वाहनों के पास पटाखे न चलाए, टेंट, शामियाना, पंडाल के पास भी पटाखे न चलाए एवं अधिक आवाज वाले पटाखों जैसे राकेट, बम्ब आदि का इस्तेमाल ना करेे।
उन्होने बताया है कि छोटे बच्चों को पटाखे चलाते समय दूर रखे तथा ढीले कपड़े पहन कर पटाखे ना चलाए, निर्धारित समय सीमा में ही पटाखे चलाये, देर रात तक पटाखे ना चलाए, हास्पीटल/नर्सिंगहोम व स्कूल के पास पटाखे न जलाएं , फैक्ट्री के आसपास भी पटाखे ना चालाए, आग लगने की स्थिति में डायल 112 नम्बर पर सूचना दें, जिससे तत्काल कार्यवाही की जा सके, आग लगने की स्थिति में घटना की सही-सही जानकारी दें, लक्ष्मी पूजन के स्थान से ज्वलनशील पदार्थ तथा परदा आदि दूर रखें, दीया/मोमबत्ती सुरक्षित स्थान पर सजाएं, बिजली की झालर आदि से बिजली के बोर्ड पर अतिरिक्त भार न दें तथा शार्ट सर्किट होने पर आग लगने की ओर विशेष रूप से सतर्क रहें।
उन्होने बताया कि बाजार से लाए गये पटाखों को घर के व्यस्क व्यक्ति के नियंत्रण में सुरक्षित स्थान पर रखें, झुग्गी, झोपड़ी आरा मशीन, भूसे के ढेर आदि की दीपावली पर्व में दिन-रात एक संगठन टोली द्वारा उनकी बारी-बारी से निगरानी की जाए, आग लगने पर आग-आग चिल्लाये, जिससे अधिक से अधिक लोग सहायता हेतु एकत्र हो सके, पटाखों से कपड़ों में आग लगने पर बुझाने है, तो पानी का प्रयोग करें, कपड़ों में लगी आग को बुझाने हेतु मोटे कपड़े जैसे परदा या कंबल का प्रयोग किया जा सकता है, कपड़ों में आग लगने पर दौड़े नही बल्कि जमीन पर लेटकर लुढके, पटाखों से जल जाने पर ठंडा पानी का प्रयोग करे तथा तत्काल चिकित्सक की सलाह लें।