
धर्मसिंहवा में मिलाद-उन-नबी की जुलूस निकालने की प्रशासन ने नई परंपरा की डाली नीव: मदरसा प्रधानाचार्य

परंपरागत जुलूस निकालने की स्वीकृति प्रदान करने के लिए कर्मचारियों ने किया गुमराह: मदरसा प्रबंधक
संतकबीरनगर।धर्मसिंहवा में शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय के द्वारा ईद-मिलादुन्नबी का पर्व धूमधाम व शांतिपूर्ण तरीके से निकाला गया।
हालांकि जुलूस दो पक्षों में बंटा हुआ नजर आया एक पक्ष ने जुलूस निकाला तो दूसरे पक्ष को जुलूस निकालने की स्वीकृति न मिलने पर दारूल उलूम अहमदिया मेराजुल उलूम मदरसे में ही जुलूस का विरोध किया और वहीं पर बच्चों के साथ दुआ पढ़ी।
मदरसे के प्रधानाचार्य मोहम्मद रेहान ने आरोप लगाया है कि जब से इस मदरसा का प्रधानाचार्य हुआ हूं जुलूस मदरसे से ही निकाल जाता रहा है और इसके पूर्व में भी इसी मदरसे से निकाला जाता था और मदरसे के मेराज मंजिल पर पहुंच कर समापन होता था जिसका हमारे मदरसा कमेटी के पास वर्ष 2023 व 2024 की उपजिलाधिकारी द्वारा स्वीकृत पत्र भी मौजूद है लेकिन इस बार प्रशासन ने एक नई परंपरा लागू की है।
दारूल उलूम अहमदिया मेराजुल उलूम के प्रबंधक अकबाल अहमद ने बताया है कि जुलूस निकालने की परंपरा मदरसे से ही रही इस बार भी प्रशासन द्वारा बताया गया था कि जुलूस मदरसे ही निकाला जायेगा जिसकी स्वीकृति के लिए मेहदावल तहसील में चार सितंबर को रात आठ बजे तक बैठा रहा और एक साज़िश के तहत स्वीकृत मौलाना वारिस अली के नाम से दे दी गई जोकि बहुत ही गलत हुआ है।


इस बार जुलूस निकालने की स्वीकृति मौलाना वारिस अली को दिया गया था, मौलाना वारिस अली व मौलाना अली अहमद के नेतृत्व में उनके घर के सामने से जुलूस निकाली गई जुलूस धर्मसिंहवा तिराहे से होकर थाना मार्ग होते हुए कस्बे का भ्रमण करते हुए जुलूस का समापन मौलाना अली अहमद के सामने हुई और वही पर दुआ पढ़ी गई।