जिला नेहरू युवा कल्याण विभाग के बरिष्ठ लिपिक संग्या जी के सेवानिवृत्त होने पर दी गई भावभीनी विदाई

उरई(जालौन)।जिला नेहरू युवा कल्याण विभाग उरई में तैनात वरिष्ठ लिपिक अरविन्द कुमार संग्या के सेवानिवृत्त होने पर विभाग द्वारा भव्य विदाई समारोह आयोजित कर उन्हें भावभीनी विदाई दी गई।

इस अवसर पर जिला नेहरू युवा कल्याण अधिकारी रविदत्त जी द्वारा समस्त विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों व समन्वयक आदि की ओर से सामूहिक रूप से माल्यार्पण कर शाल उड़ा कर रामायण व एक अटैची सम्मान स्वरूप प्रदान की।सेवानिवृत्त बरिष्ठ लिपिक अरविन्द कुमार संग्या जी ने विदाई समारोह में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे विभाग 37 वर्ष कार्य करने का आप लोगों के साथ जो मौका मिला है उसे कभार नहीं भुला पाऊंगा।

उन्होंने हमेशा सहयोग देने का आश्वासन भी दिया है।उन्होंने कहा कि मुझसे जाने अनजाने में कुछ गलतियां हो गई हो तो मुझे क्षमा कर दें।

इसी के साथ उन्होंने कहा कि मुझे करीब तीन वर्ष से अधिक समय बड़े बाबू जी के साथ काम किया है।उनसे मुझे हमेशा प्यार व मार्ग दर्शन मिला है।मेरे व बड़ेबाबू के कभी भी ऐसा महसूस नहीं हुआ।कि न ही मुझे कभी असंतुष्ट किया।उन्होंने बड़ेबाबू जी से प्रेरणा लेने व उनकेच बताये हुए मार्ग दर्शन पर चलने का संकल्प लेने की अपील की।

जिला नेहरू युवा कल्याण अधिकारी अनवार वारसी व औरैय्या जनपद से स्थानांतरित होकर आये नवागंतुक बड़ेबाबू श्रवण कुमार बाथम ने कहा कि बड़े बाबू जी ने विभाग को 37 साल सेवायें दी हैं।उन्होंने सभी को साथ लेकर विभाग के कार्य कर सभी के दिल जीते हैं।वहीं बड़ेबाबू बाथम जी ने कहा कि मैं इस विभाग में इसके पूर्व 5-6 तक कार्य कर चुका हूं। अब पुन: जनपद में विभाग में सेवा का मौका मिला है तो संग्या जी की ही तरह विभाग को साथ लेकर कार्य करने का भरसक प्रयास करूंगा।ललितपुर से आये डा.मोहित तिवारी जी ने भी उच्च आदर्शों का विस्तार से चर्चा की और प्रेरणा लेने की अपील की।
इस अवसर पर सीमा, गीता, रेखा, बड़ी बहू,आलोक द्विवेदी, स्वयं सेवक, नेहा यादव, सत्यम्,रमाकांत सोनी, शिवम् रिछारिया,नागेन्द्र, शिवप्रताप सिंह, प्रशान्त अवस्थी, विमला देवी, संस्कृति गिरवासिया,शाहिल दुबे, कुन्ती पटेल, उमा,लोनी यादव, सुरक्षा मिश्रा, अरब रिछारिया,अरनवारिया आदि ने बरिष्ठ लिपिक के कार्यकाल की सराहना करते हुए कहा कि उनका कार्य काल में किसी को भी कभी कोई परेशानी नहीं हुई।कार्यक्रम का संचालन अनवार वारसी ने किया।

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