चिकित्सा सुविधा के अभाव में महिला शिक्षामित्र ने तोड़ दिया  दम।

अल्प मानदेय भोगी महिला शिक्षामित्र मलेरिया से थी पीड़ित।

एटा/नूहखेड़ा। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षामित्र के साथ बरते जा रहे सौतेले रवैया तथा केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री के गृह क्षेत्र में बदहाल स्वास्थ्य चिकित्सा सेवाओ के अभाव में गत दिवस एक महिला शिक्षा मित्र ने दम तोड़ दिया। महिला शिक्षामित्र की मौत के बाद परिवार में छोटे-छोटे बच्चे माँ की याद में तड़प रह हैं। इस दर्दनाक घटना को लेकर परिजनों के साथ-साथ समूचे गांव में शोक की लहर दौड़ गयी है।

थाना निधौलीकलां एवं अवागढ़ ब्लॉक क्षेत्र के गांव गादुरी निवासी करीब तैतीस वर्षीया डॉली सिंह पत्नी रिंकू सिंह ठाकुर ग्राम पंचायत के ही कंपोजिट विद्यालय सलेमपुर में शिक्षामित्र पद पर तैनात थी। बताया गया है कि पांच -छह दिन पूर्व महिला शिक्षामित्र डॉली को बुखार आया था। जिस पर मृतका द्वारा स्थानीय प्राइवेट चिकित्सक से दवा लेली थी। इसके बाद जब कोई फायदा नही हुआ तो परिजन ब्लॉक मुख्यालय अवागढ़ उपचार कराने ले गये। सरकारी सीएचसी एवं पीएचसी में कोई अच्छी चिकित्सा सेवा न होने की वजह से एक प्राइवेट चिकित्सक के यहां भर्ती कराया गया। मगर मृतका की स्थिति सही होने के बजाय बिगड़ती गयी। रविवार की देर शाम परिजन महिला शिक्षामित्र डॉली को उपचार के लिए एटा ले जा रहे थे।कि रास्ते मे ही डॉली ने दम तोड़ दिया। मृतका अपने पीछे तीन बेटियां एवं एक बेटा सहित चार नौनिहालों को छोड़ गई है।

ग्रामीणों का कहना कि प्राथमिक विद्यालयो में शिक्षक की भांति महज दस हजार रुपये की पगार पर कार्य करने वाले शिक्षामित्र आर्थिक तंगी से जूझ रहे है। दस हजार रुपये में शिक्षामित्र परिवार का भरण पोषण करें अथवा अपना या परिवार का इलाज कराये। कमोवेश हर शिक्षामित्र के साथ ऐसी ही ह्रदय विदारक घटनाएं हो रही है।

बतादें कि केंद्रीय स्वास्थ्य चिकित्सा राज्य मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल का क्षेत्र होने के बाबजूद समूचे जलेसर विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाएँ पूरी तरह से नगण्य है।

दिलीप सिंह मंडल ब्यूरो एटा उत्तर प्रदेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!