गोंडा। जिले में स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों रुपये के गबन के मामले में सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) अयोध्या सेक्टर ने बड़ी कार्रवाई की है। पयागपुर (बहराइच) से सपा के पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव, उनके पिता राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, तत्कालीन सीएमओ डॉ. संतोष कुमार श्रीवास्तव, तत्कालीन अपर निदेशक चिकित्सा डॉ. आभा आशुतोष और गोंडा सीएमओ कार्यालय के प्रधान सहायक रामचंद्र सोनी के खिलाफ गबन और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।
यह कार्रवाई पयागपुर से भाजपा विधायक सुभाष तिवारी की शिकायत के आधार पर आठ साल पुरानी विजिलेंस जांच के बाद हुई है। मुकेश श्रीवास्तव पहले भी एनआरएचएम घोटाले में जेल जा चुके हैं और उनके बसपा व कांग्रेस से भी अच्छे संबंध रहे हैं।
विजिलेंस जांच में खुलासा हुआ कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में हलधरमऊ और कटरा बाजार के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में मरम्मत और स्थल विकास के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। तत्कालीन सीएमओ डॉ. संतोष कुमार श्रीवास्तव ने टेंडर नियमों को ताक पर रखकर बहराइच की आरपी ग्रुप ऑफ कंस्ट्रक्शन को बिना निविदा के काम सौंपा। अवर अभियंता राम मनोहर मौर्या ने 92 लाख रुपये से अधिक का एस्टीमेट तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजा और कार्य की देखरेख भी अनियमित ढंग से की।
जांच में पाया गया कि आरपी ग्रुप का बैंक खाता मुकेश श्रीवास्तव के पिता राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव के नाम पर था, जिसमें से मुकेश ने अपने निजी लाभ के लिए चार लाख रुपये से अधिक निकाले।गोंडा में चिकित्सा उपकरणों और फर्नीचर की मरम्मत में भी नियमों का उल्लंघन हुआ।
निविदा से जुड़ी महत्वपूर्ण पत्रावली को तत्कालीन कनिष्ठ सहायक रामचंद्र सोनी (अब प्रधान सहायक) ने गायब कर दिया। इस मामले में कई अन्य आरोपी अब मृत हो चुके हैं। विजिलेंस ने सभी आरोपियों पर मिलीभगत कर लगभग एक करोड़ रुपये हड़पने का आरोप लगाया है। यह मामला स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की गहरी जड़ों को उजागर करता है, जिसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है।