समाचारपत्रों के हितों के लिए प्रधानमंत्री मोदी से की मांग, आरएनआई की मनमानी पर लगे रोक : बीएसपीएस

देशभर के मध्यम एवं लघु समाचार पत्रों को समाप्त करने का सूनियोजित ढंग से रचा जा रहा षडयंत्र।


दिल्ली,20 जून 2024। देशभर के मध्यम एवं लघु समाचार पत्रों को समाप्त करने के लिये RNI सूनियोजित ढंग से षडयंत्र रच रही है, जिससे देशभर के हजारों, समाचार पत्रों से जुड़े लाखों पत्रकार एवं समाचार पत्र से जुड़े कर्मी बेरोजगार हो जाएंगे।

उक्त जानकारी देते हुए भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ इन्दु बंसल ने बताया कि
प्रति वर्ष RNI रिटर्न दाखिल करने के लिए समाचार पत्र-पत्रिकाओं से वाषिर्क विवरण मांगा जाता है,

जिसे प्रकाशक अपने समाचार पत्र की जानकारियां आनलाइन भरकर भेज दिया करते थे। इस बार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने रिटर्न जमा करने के लिए एक नये पोर्टल के साथ संशोधन करते हुए कुछ नये और कड़े प्रावधानों को जोड़े दिया है, जिससे समाचार पत्र प्रकाशकों को काफी परेशानी हो रही है।

इसमें चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) के साथ ही प्रेस संचालक (प्रिंटर्स) को भी पैनल में शामिल किया गया है। इससे समाचार पत्र पत्रिकाओं के प्रकाशकों को रिटर्न फाइल करने में समस्या आ रही है। यदि इन प्रावधानों को सरल नहीं किया गया तो कई समाचार पत्र पत्रिकाओं के प्रकाशक रिटर्न जमा करने से वंचित रह जायेंगे।

डॉ बंसल ने बताया कि आधी-अधूरी जानकारी के साथ नया पोर्टल बनने से अखबार और पत्रिकाओ का प्रकाशक उलझन में आ रहे हैं।

भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ

राष्ट्रीय महासचिव शहनवाज हसन


डॉ बंसल ने बताया कि भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ की ओर से संघ के राष्ट्रीय महासचिव शहनवाज हसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखित पत्र प्रेषित कर इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए पूर्व की तरह आरएनआई रिटर्न लेने की मांग की है।

राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ बंसल के कहा कि बीएसपीएस आरएनआई की इस नई व्यवस्था का कड़ा विरोध करता है। उन्हों ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर संगठन न्यायायल भी जाने से पीछे नहीं हटेगा।

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