झारखंड के माननीय राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने आज 11 अक्टूबर को गोपाल मैदान, जमशेदपुर में आयोजित ‘आदि महोत्सव’ (जनजातीय उद्यमिता, शिल्प, संस्कृति, व्यंजन और वाणिज्य का उत्सव) को संबोधित करते हुए कहा कि यह महोत्सव केवल हमारी संस्कृति तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्र की समृद्ध विविधता को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही जनजाति समुदाय भारतीय सभ्यता और संस्कृति का अभिन्न अंग रहे हैं। इस समुदाय का समृद्ध इतिहास व परंपरा प्रेरणादायक है और इसकी पूरे विश्व में एक अमिट छाप है। राज्यपाल महोदय ने कहा कि झारखंड राज्य वीरों की भूमि है। इस राज्य में भगवान बिरसा मुंडा समेत कई महान विभूतियां हुए हैं, जिन्होंने मातृभूमि व समाज के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।
वे बोले कि माननीय प्रधानमंत्री द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को पूरे देश में ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। भगवान बिरसा मुंडा एक समाज सुधारक और दूरदर्शी स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अंग्रेजों द्वारा किए गए अत्याचारों के विरुद्ध संघर्ष किया। राष्ट्र के लिए उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। राज्यपाल महोदय ने कहा कि जनजाति समुदाय की कला जीवंत हैं, उन्होंने उनके द्वारा निर्मित उत्पादों की सराहना की। माननीय प्रधानमंत्री ने लोगों से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘वोकल फॉर लोकल’ का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी 24 जिलों की विभिन्न पंचायतों के भ्रमण के दौरान, लोगों से संवाद किया और उनके कौशल को निकट से देखा। उन्होंने कहा कि यहां के आदिवासी समाज की महिलाएं परिश्रमी हैं और विकास के लिए लालायित हैं। हमारी जनजाति समुदाय की बहनें महिला स्वयं सहायता समूहों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं।