आई एल ओ सम्मेलन : छाए रहे असंगठित क्षेत्र, कौशल विकास और श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दे

नवयुग समाचार संवाददाता

कानपुर। मलिकानों के पक्ष में श्रम कानून के खुलेआम उल्लंघन के के फल स्वरुप पूरे भारत में श्रमिकों की दुर्दशा लगातार बढ़ती जा रही है, जिसके खिलाफ अनेक बड़े श्रमिक संगठन भी मुखर हो चले हैं। इसी क्रम में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आई एल ओ ) के 113 वें श्रम सम्मेलन में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले भारत के त्रिपक्षीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करने वाले एन एफ आई टी यू महासचिव एल एन सी टी यूनिवर्सिटी भोपाल के उप कुलसचिव डॉ.विराट जायसवाल ने भारतीय श्रमिक प्रतिनिधि के रूप में असंगठित क्षेत्र, कौशल विकास और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को मजबूती से प्रस्तुत किया।

बीते कई दशकों से मजदूर श्रमिक कर्मचारी के के हित को लेकर अनेक सफल आंदोलन के अगुआकर हिन्द मजदूर किसान पंचायत के राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश महामंत्री राकेश मणि पांडेय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले डॉ विराट जायसवाल ने बायोलॉजिकल हजार्डइन द वर्किंग एनवायरमेंटऔर ए आई फ्यूचर का वर्क सत्रों में सत्रों में भाग लेते हुए भारत सरकार की प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, ई-श्रम पोर्टल, आयुष्मान भारत, सोशल सिक्योरिटी कोड, राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, अटल इनोवेशन मिशन, राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप प्रोत्साहन योजना, श्रम सुविधा पोर्टल, तथा महिला शक्ति केंद्र योजना जैसी तमाम योजनाओ को वैश्विक मंच पर साझा किया।

वरिष्ठ श्रमिक नेता राकेश मणि पांडेय ने इसका विवरण देते हुए बताया कि सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व बहुत प्रभावी तरीके से सफलता पूर्वक करने वाले डॉ. जायसवाल ने सीरिया, तुर्की, मिस्र, कुवैत, मॉरिशस, मालदीव के साथ-साथ इटली, फ्रांस और जर्मनी जैसे यूरोपीय देशों के प्रतिनिधियों से अनौपचारिक संवाद कर सांस्कृतिक एवं श्रम आधारित अनुभवों का आदान-प्रदान भी किया, जिससे भारत के नवाचारों और श्रम सुधारों की वैश्विक स्तर पर सराहना भी की गई।

हिंद मजदूर किसान पंचायत के राष्ट्रीय सचिव चर्चित श्रमिक नेता राकेश मणि पांडेय ने बताया कि बी आर आई सी एस ट्रेड यूनियन की बैठक जो भारतीय मजदूर संघ के संगठन मंत्री बी.सुरेन्द्रन के नेतृत्व में जिनेवा में आयोजित हुई, उसमें एन एफ आई टी यू के महासचिव डॉ. विराट जायसवाल ने जानकारी दी कि वर्ष 2026 में भारत बी आर आई सी एस ट्रेड यूनियन शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा।

इस दौरान एलएनसीटी ग्रुप के सचिव डॉ. अनुपम चौकसे ने इंडियन काउंसिल ऑफ स्माल इंडस्ट्रीज आईसीएसआई का प्रतिनिधित्व करते हुए भारत के लघु उद्योगों में हो रहे नवाचार, रोजगार सृजन और श्रमिक कल्याण से जुड़ी पहलों को वैश्विक मंच पर साझा किया। डॉ जायसवाल ने बताया की केंद्रीय श्रम मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आई एल ओ सम्मेलन के प्लेनरी सत्र में कहा कि भारत ने रोजगार और सामाजिक सुरक्षा में अभूतपूर्व प्रगति की है। उन्होंने यह भी बताया कि 2017 की 6% बेरोजगारी दर घटकर 2024 में केवल 3.2% रह गई है, और 7.5 करोड़ से अधिक नए रोजगार सृजित हुए हैं।

कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020 और ई-श्रम पोर्टल की मदद से सामाजिक सुरक्षा कवरेज अब 64% से ऊपर पहुंच चुकी है, जिससे 94 करोड़ से अधिक नागरिक लाभान्वित हो रहे हैं। श्रमिक नेता राकेश मणि पांडे के मुताबिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल में भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव श्रीमती वंदना गुरुनानी और संयुक्त सचिव अजोय शर्मा की भी अहम भूमिका रही। साथ ही उत्तर प्रदेश के श्रम मंत्री अनिल राजभर की भी महत्वपूर्ण मौजूदगी रही।

समस्याओं के खिलाफ श्रमिकों के हित में आयोजित इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में भारत के स्थायी मिशन के प्रमुख एच ई अरिंदम बागची के उत्कृष्ट आतिथ्य और समन्वय के लिए डॉ. जायसवाल ने विशेष धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि एन एफ आई टी यू अब आई एल ओ की “ग्लोबल कोएलिशन फॉर सोशल जस्टिस” का आधिकारिक सदस्य बन चुका है, जो महानिदेशक गिल्बर्ट होंगबो की प्रमुख पहल है ,जिसे एन एफ आई टी यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दीपक जायसवाल समेत सभी पदाधिकारी संगठन के लिए गर्व का पल मानते हैं। वहीं डॉ. जायसवाल के स्वदेश लौटने पर एन एफ आई टी यू दिल्ली प्रदेश समिति ने उनका जोरदार भव्य स्वागत भी किया।

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