– अकबरपुर से भाजपा के देवेंद्र सिंह भोले को जिताने में सबसे अहम रहा एस के सिंह और प्रबल दावेदार जीत प्रताप सिंह का रोल
– अगर देवेंद्र सिंह भोले को नहीं मिलती तो लगभग पक्की थी जीत प्रताप सिंह की टिकट और भाजपा की होती लाखों वोटों से जीत
– क्षत्रिय जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष एस के सिंह और भाजपा नेता जीत प्रताप सिंह के समर्थन ने टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा विधायक द्वारा देवेंद्र सिंह भोले को हराने के लिए किए गए हर संभव प्रयास को भी किया विफल
सुनील बाजपेई
कानपुर। यहां पुण्यतिथि पर प्रखर राष्ट्रवादी , जनसंघ के संस्थापक श्रद्धेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को नमन करते हुए उन्हें भाव भीनी पुष्पांजलि अर्पित की गई।
इस मौके पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करते हुए अपने कार्यालय में इस कार्यक्रम के आयोजक भाजपा नेता जीत प्रताप सिंह ने उनके राष्ट्र हित को समर्पित कृतित्व व व्यक्तित्व पर भी प्रकाश डाला।
इसी तरह से क्षत्रिय जागरण मंच और भारतीय प्रधान संगठन के अध्यक्ष एस के सिंह ने भी पुण्यतिथि पर प्रखर राष्ट्रवादी , जनसंघ के संस्थापक श्रद्धेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को नमन करते हुए उन्हें भाव भीनी पुष्पांजलि अर्पित की।
चर्चित भाजपा नेता जीत प्रताप सिंह के आयोजन में जहां विजय प्रताप सिंह , महेन्द्र पांडेय शशीराज सिंह , बी.के.विश्वकर्मा, युवराज सिंह , आकाश , अंकित , नितिन और अरविंद आदि मौजूद रहे । वहीं हजारों की सदस्य संख्या वाले भारतीय प्रधान संगठन और क्षत्रिय जागरण मंच के अध्यक्ष एस के सिंह द्वारा मुख्यालय हंसपुरम में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा नेता भूपेन्द्र सिंह, राजकुमार तिवारी, महिला नेत्री निशा तिवारी और राकेश शर्मा आदि मौजूद रहे।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक यह भी अवगत कराते चलें कि अकबरपुर लोकसभा चुनाव में देवेंद्र सिंह भोले की तीसरी बार जीत में अन्य सभी महापुरुषों की तरह आरएसएस के संस्थापक डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की भी पूर्ण तिथि पर पुष्पांजलि सभा का आयोजन करने वाले तेज तर्रार और व्यवहार कुशल ऊर्जावान युवा चेहरे के रूप में अपने राजनीतिक जीवन शुरुआत से ही जनसमस्याओं के खिलाफ सफल संघर्ष में अग्रणी हर किसी के सुख दुख में सदैव खड़े होने के फलस्वरूप हर जाति, हर धर्म और हर वर्ग के मतदाताओं में चुनाव जीतने की हद तक मजबूत पकड़ रखने वाले अकबरपुर से प्रबल दावेदार भी रहे तेजतर्रार और व्यवहार कुशल वरिष्ठ भाजपा नेता जीत प्रताप सिंह के साथ ही हजारों की सदस्य संख्या वाले भारतीय प्रधान संगठन और क्षत्रिय जागरण मंच के अध्यक्ष एस के सिंह की भी
सबसे अहम भूमिका रही।
सूत्रों को दावा है कि लाखों समर्थक मतदाताओं के रूप में एस के सिंह और जीत प्रताप सिंह के समर्थन का अभाव अकबरपुर में देवेन्द्र सिंह भोले की पराजय का भी कारण बन सकता था।
और इसी वजह से तीसरी बार सांसद बने देवेंद्र सिंह भोले ने भारतीय प्रधान संगठन और क्षत्रिय जागरण मंच के यूपी अध्यक्ष एस के सिंह और जनता की पहली पसंद होने के चलते अकबरपुर से पहले नंबर के प्रबल दावेदार रहे जीत प्रताप सिंह से भी खुद मिलकर उनका समर्थन मांगा था, जिसके बाद जीत प्रताप सिंह और एस के सिंह ने अकबरपुर में प्रत्याशी देवेंद्र सिंह भोले को जिताने के अभियान में सफलता प्राप्त करने के बाद ही चैन की सांस ली।
पार्टी सूत्रों का यह भी दावा है कि पार्टी अगर पुराने चेहरों के स्थान पर नये चेहरों को मैदान में उतारती तो जनता की पहली पसंद होने के चलते जीत प्रताप सिंह ही न केवल प्रत्याशी होते बल्कि भारी मतों से भाजपा की जीत का कारण भी बनते।
भाजपा से जुड़े सूत्रों का दावा यह भी है कि एस के सिंह और जीत प्रताप सिंह का प्रबल समर्थन टिकट के दावेदार रहे एक भाजपा विधायक द्वारा देवेंद्र सिंह भोले को हराने के हर संभव प्रयास को भी विफल करने के रूप में मुंहतोड़ जवाब देने में भी सफल रहा।