अपनी जायज मांगो के समर्थन में उग्र हुए जिले के शिक्षा-मित्र।
बहराइच:- उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र प्राथमिक विद्यालयों में पिछले लगभग 20 वर्षों से गांव के गरीब,शोषित ,वंचित, पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजातियों के बच्चों को अनवरत गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करते चले आ रहे हैं। लगभग 1.15 लाख शिक्षामित्र आज अपने बच्चों के पढ़ाई लिखाई परिवार के परिवारिस,दवाई ,बच्चों की शादी विवाह,आदि को लेकर तनाव ग्रस्त रहते हैं।
उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रो की आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय हो चुकी है। हर संभव प्रयास करने के बाद भी उनकी आर्थिक स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। जिसके कारण शिक्षामित्रो के परिवार में प्रत्येक दिन अवस्तन दो से तीन लोगों की असामयिक मृत्यु होती चली आ रही है,जो की अत्यंत ही कष्टमय व पीड़ादायक है।इसी के क्रम में अपनी जायज मांगों के समर्थन में जनपद बहराइच के सैकड़ो शिक्षामित्र आज कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बहराइच एकत्र होकर बैठक किया। और वहीं से तिरंगा यात्रा रैली निकालते हुए सांसद बहराइच अक्ष्यवार लाल गौड़ के आवास पर पहुंच गए और धरना प्रदर्शन करने लगे, जिस पर सांसद जी ने शिक्षामित्र से ज्ञापन लेकर के भारत सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी से मिलकर शिक्षामित्र की समस्याओं का समाधान कराने का आश्वासन दिया।
शिक्षामित्रो के मांगों में नियमावली में संशोधन कर शिक्षामित्र की योग्यता पूर्ण कराकर पुनः समायोजित शिक्षक बनाया जाए।समायोजन प्रक्रिया पूर्ण होने तक 12 माह का मानदेय व 62 वर्ष की सेवा सुरक्षित किया जाए।नई शिक्षा नीति में शिक्षामित्र को सम्मिलित कर इनका भविष्य सुरक्षित किया जाए। मृतक शिक्षा मित्रों के जीवकोपार्जन हेतु परिवार से किसी एक को नियुक्ति प्रदान की जाए।शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षामित्र को नियमों में शिथिलता प्रदान हुए सहायक अध्यापक के पद पर नियमित किया जाए।मूल विद्यालय में वापसी से वंचित शिक्षामित्रो को पुनः एक अवसर प्रदान करते हुए मूल विद्यालय में वापस किया जाए। एवं महिला शिक्षामित्र का विवाहोपरांत उनके ससुराल के जनपद के विद्यालय में स्थानांतरित किया जाए।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष शिव श्याम मिश्र,अनवारुल रहमान,गिरीश चंद्र जायसवाल, सुरेश कुमार यादव, राजित राम निषाद,अवधेश कुमार वर्मा,तृप्ति सिंह,दिनेश कुमार यादव,अर्चना चौहान,सुनील कुमार,सहित सैकड़ो शिक्षामित्र उपस्थित रहे।