सुनील बाजपेई
कानपुर। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर देश भर के सामाजिक संगठनों में भी जबरदस्त रोष व्याप्त है। आतंकवाद से जुड़े इस गंभीर मुद्दे को लेकर प्रतिक्रियाओं का भी दौर जारी है, जिसके क्रम में ट्रांस गोमती निवासी संघर्ष समिति के अध्यक्ष मोहम्मद सलीम और महामंत्री राकेशमणि पाण्डेय ने पहलगाम की नरसंहार की घोर निन्दा करते हुए सरकार से कठोरता कार्यवाही की मांग भी की है।
अध्यक्ष मो. सलीम और महामंत्री राकेशमणि पाण्डेय जारी जारी संयुक्त विज्ञप्ति में सभी पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के साथ ही दुनिया से आतंकवाद और उसे समर्थन देने वाले लोगों को भी दुनिया से अलग थलग करने को विश्व हित में बताते हुए यह भी कहा है कि सरकार यह सुनिश्चित करें कि पहलगाम पर्यटन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था पर चूक कैसे हुई।
भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ सफल कूटनीतिक प्रयासों के बीच चीन के सहयोग से पाकिस्तान और बंगलादेश पर भारत विरोधी षड़यंत्र करने का भी आरोप लगाते हुए मोहम्मद सलीम और राकेश कुमार पांडेय ने कहा कि भारत को दोनों तरफ से घेर कर चीन अपनी विस्तारवादी नीति को बढ़ाना चाहता है
इन दोनों नेताओं मोहम्मद सलीम और राकेश मणि पांडेय ने भारत की कूट नीति की सराहना भी की और कहा कि इसी के चलते दुनिया की अमेरिका व रूस जैसी महाशक्तियां भारत के साथ हैं लेकिन भारत अमेरिका से अधिक रूस पर विश्वास कर सकता है ,क्योंकि रुस ने पहले भी भारत के साथ अपनी मित्रता को प्रमाणित किया है। जबकि अमेरिका ने कई अन्य स्थितियों में भारत के विरूद्ध पाकिस्तान का साथ दिया है।
मोहम्मद.सलीम व राकेशमणि पाण्डेय ने विश्व समुदाय के राष्ट्राध्यक्षों से दुनिया से सभी परमाणु बम समाप्त किये जाने की भी मांग करते हुए कहा कि दुनिया को आज सबसे ज्यादा जरूरत रोटी ,रोजी और चिकित्सा व्यवस्था की है।
आतंकवाद, विस्तारवाद और कटरता के कारण देश व विदेशो में चल रहीं विध्वंसक गतिविधियों पर रोक के लिए प्रभावी कार्यवाही को भी आवश्यक बताते हुए अध्यक्ष मोहम्मद सलीम और महामंत्री राकेश पांडेय यह भी कहा कि कुछ देश तनाव पैदा करके अपने सैन्य साजो सामान को बेच कर लाभ कमाने में लगे हैं। दोनों नेताओं ने कहा कि विकासशील देश अपनी आमदनी का अधिकाश भाग युद्ध सामग्री के खरीदने में व्यय करते हैं, जिससे उनकी स्थिति दिन प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है।
अध्यक्ष मोहम्मद सलीम महामंत्री राकेश पांडे ने भविष्य में प्रबल संभावित युद्ध से होने वाले नुकसान पर भी चिंता जाहिर करते हुए सभी राष्ट्रध्यक्षों से एक मंच पर बैठकर मानव समाज के लिए विनाशक इन हालातों को समाप्त करने की भी बात कही और दावा किया कि अगर ऐसा नहीं किया जाएगा तो ना केवल लाखों करोड़ों बेगुनाह मारे जायेंगे बल्कि सारी विकासशील स्थितियां भी समाप्त हो जायेंगी।