जी20 की मेजबानी हम सभी भारतवासियों के लिए गर्व की बात हैं
अलीगंज।जी20 यानी ग्रुप ऑफ ट्वेंटी, ये 20 देशों का एक समूह है. ये 20 देश साल में एक बार एक सम्मेलन के लिए इकट्ठा होते हैं और दुनियाभर के आर्थिक मुद्दों के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, भ्रष्टाचार-विरोध और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर चर्चा करते हैं. जो देश इस सम्मेलन की अध्यक्षता करता है, उसका प्रमुख काम किसी विषय विशेष के प्रति सभी देशों के बीच आम सहमति बनाना होता है।
नवंबर 2022 में बाली शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी को जी20 की अध्यक्षता के लिए हथोड़ा सौंपा गया था. उस समय पीएम मोदी ने कहा था, ‘कोविड के बाद के दौर में नई व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी हमारे कंधों पर है. मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि जी20 की भारत की अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और सक्रियता भरी होगी. एकसाथ मिलकर हम जी20 को वैश्विक परिवर्तन का उत्प्रेरक बनाएंगे.’ अध्यक्षता सौंपे जाने के बाद से ही भारत तुरंत इसकी तैयारियों में लग गया। 1 दिसंबर 2022 से देशभर में इससे जुड़े कार्यक्रम शुरू किए गए, जो 30 नवंबर 2023 तक जारी रहेंगे। भारत अपनी पूरी ताकत के साथ दुनिया के प्रमुख 20 देशों का नेतृत्व कर रहा है. भारत को मौका मिला है कि वह प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर आम सहमति बनाने, सामूहिक कार्रवाई के लिए जोर डालने की अगुवाई करे और साथ ही विकासशील देशों के एजेंडों का चैंपियन बनकर उभरे।
भारत को G20 से क्या फायदा होगा?
भारत को आजाद हुए 76 साल हो चुके हैं. इस दौरान देश ने कई उपलब्धियां हासिल की है. हम आज कई क्षेत्रों में टॉप-5 में हैं, कई में टॉप-3 तो कुछ जगहों पर टॉप पर हैं. इसके बावजूद भारत को विकासशील देशों में गिना जाता है. इसलिए जी20 एक ऐसा फोरम हैं जहां भारत अपनी श्रेष्ठता को और बेहतर ढंग से बता सकता है। पीएम मोदी का भी लक्ष्य है कि जब देश आजादी के 100 साल मना रहा होगा, तब 2047 में भारत एक विकसित राष्ट्र होगा. दुनिया को बताने की जरूरत है कि भारत दुनिया का वैश्विक नेता बनने के लिए पूरी तरह तैयार है. भारत ने समय-समय पर दिखाया है कि विकसित देश उन्नत संसाधनों के बावजूद वो मुकाम हासिल नहीं कर पाते, जो भारत अपने सीमित संसाधनों के साथ कर लेता है चाहे मंगलयान हो या कोविड जैसी महामारी में 140 करोड़ देशवासियों की रक्षा करना या फिर चंद्रयान-3 हर मामले में भारत औरों से बेहतर है. दुनिया के बाकी देश भी अगर भारत के साथ मिलकर काम करेंगे तो मानव समाज की उन्नति और पृथ्वी संरक्षण के प्रयास में तेजी लाई जा सकती है. जी20 में भी भारत का उद्देश्य यही है. भारत का G20 अध्यक्षता थीम भी- ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ या ‘एक पृथ्वी, एक कुटुंब, एक भविष्य’ है। पीएम मोदी कह चुके हैं कि दुनिया प्रगति, विकास, आर्थिक समायोजन, आपदा प्रतिरोधी क्षमता, वित्तीय स्थिरता, सीमापार अपराध, भ्रष्टाचार, आतंकवाद और खाद्य, ऊर्जा, सुरक्षा की चुनौतियों को हल करने के लिये जी-20 की तरफ काफी उम्मीद से देख रही है।
क्या कहते हैं प्रतिनिधिगढ़
जिला महामंत्री आशीष राजपूत का कहना है कि जी20 के तहत दुनिया प्रगति, विकास आर्थिक, समायोजन, आपदा भ्रष्टाचार, और आतंकवाद जैसी चुनौतियों पर खरा उतरेगा अगर देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी ने समय-समय पर आई आपदाओं पर अंकुश लगाकर लोगों को सुरक्षित होने का एहसास दिलाया है। जी20 हम भारतवासियों के लिए गर्व की बात है।
रिटायर्ड आर्मी मैन नेत्रपाल सिंह का कहना है कि वर्तमान में भारत सरकार द्वारा कई ऐतिहासिक कार्य किए गए हैं उम्मीदन भविष्य में भारत एक उच्च ऊंचाई पर होगा जी20 की मेजबानी हम सभी भारतवासियों के लिए एक गर्व की बात है।
सुल्तान सिंह यादव पूर्व प्रधानाचार्य का कहना है कि भारत सरकार द्वारा कई सराहनीय कार्य किया जा रहे हैं परंतु सरकार को शिक्षकों की ओर भी ध्यान देना चाहिए शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम 2023 में शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और प्रधानाचार्य को मिलने बाले वेतन की धारा 18 को जोड़ा जाये और पुरानी पेंशन बहाली को वापस लाया जाए।
डॉ चमनवीर शाक्य का कहना है कि माननीय मोदी जी का कहना है कि जब देश आजादी के 100 साल मना रहा होगा तब 2047 में भारत एक विकसित राष्ट्र होगा। G20 की मेजबानी हम सभी भारतवासियों के लिए गर्व की बात है।
दिलीप सिंह मंडल ब्यूरो एटा उत्तर प्रदेश