– यातायात परिवर्तन के साथ पुलिस बल की भी तैनाती
सुनील बाजपेई
कानपुर। आज छठ महापर्व के दूसरे दिन आज धूमधाम से खरना मनाया गया। इसके तहत खीर खाने के बाद निर्जला वृत रहकर जमीन पर सोया जाता है। इसके लिए नए चावल, नये गुड़, गन्ने के रस आदि सामग्री से मिट्टी के चूल्हा पर आम की लकड़ी से अन्य सामग्री मिलाकर खीर बनाकर सूर्य भगवान एवं षष्ठी भैया को चढ़ाने के बाद लोगों को प्रसाद रूप में वितरित किया।
आज सूर्य देव की बहन छठ देवी को प्रसन्न करने के लिए भगवान सूर्य की आराधना और उनका धन्यवाद किया गया। खरना पर मां गंगा-यमुना यापवित्र नदी या पोखर (तालाब) के किनारे पूजा की गई।
वहीं आर्मापुर नहर, बर्रा नहर और पनकी आदि में नहरों के किनारे जहां भी छठ पूजा के घाट हैं, वहां लोगों ने पहुंच कर पूजा वेदियों को साफ कर उन्हें रंगा और फिर आकर्षक ढंग से सजा घाटों पर बिजली की झालरों से भी सजावट करवाई हैै। इस दौरान छठ पूजा वाले क्षेत्रों में यातायात परिवर्तन भी किया गया साथ ही पुलिस बल भी तैनात रहा।
आज धूमधाम से खन्ना मनाने वाले श्रद्धालुओं को यकीन है कि षष्ठी मां यानी कि छठ माता बच्चों की रक्षा करने वाली देवी हैं। इस व्रत को करने से संतान को लंबी आयु का वरदान मिलता है और इसलिए छठ पूजा की जाती है।छठी मैया का पूजा करने से नि:संतान दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है। छठी मैया संतान की रक्षा करती हैं और उनके जीवन को खुशहाल रखती हैं। छठी मैया की पूजा से सैकड़ों यज्ञों के फल की प्राप्ति होती है।