मध्यप्रदेश सरकार की सांस्कृतिक नीति बने
ए विजन डॉक्यूमेंट ऑफ़ राइजिंग एमपी में हुआ मंथन
भोपाल! मध्य प्रदेश में पर्यटन, कला संस्कृति और पर्यावरण के क्षेत्र में असीमित संभावनायें हैं। इनका सही तरीके से और सही दिशा में उपयोग किया जाये तो मध्य प्रदेश जल्द ही विकसित राज्यों की श्रेणी में आ सकता है। इस तरह के विचार आज रवीन्द्र भवन में सुनाई दिये। अवसर था मध्य प्रदेश प्रेसक्लव के 32वें स्थापना दिवस समारोह के निमित्त मध्यप्रदेश रत्न अलंकरण समारोह का। दो चरणों में हुए इस कार्यक्रम में देश-विदेश में मध्य प्रदेश का मान बढ़ाने वाली लगभग 19 विभूतियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के प्रथम चरण में विभूतियों का सम्मान किया गया।
दूसरा सत्र तकनीकी सत्र मध्य प्रदेश का विकास पर केन्द्रित रहा । इस सत्र में ’ ए विजन डॉक्युमेंट फॉर राइजिंग मध्य प्रदेश’ पर फिल्म, पत्रकारिता, उद्योग जगत से जुड़े विशेषज्ञों ने अपने-अपने सुझाव दिये। उद्योगपति गौतम कोठारी ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार उद्योग के क्षेत्र में नई-नई नीतियाँ लाकर कई अच्छे काम कर रही है लेकिन मध्य प्रदेश में पर्यटन की असीमित संभावनायें हैं। यहाँ के पर्यटन स्थल विदेशियों को भी इसलिये लुभाते हैं कि यहाँ पर पर्यटकों को स्थानीय विक्रेताओं द्वारा सामान खरीदने के लिये परेशान नहीं किया जाता बल्कि शिष्ट व्यवहार किया जाता है। उन्होंने संस्कृति,कला और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने का सुझाव दिया।
प्रतिस्पर्धी नहीं, मददगार राज्य बने मध्य प्रदेश –
सुप्रसिद्ध टी.वी. पत्रकार सुमित अवस्थी का कहना था कि मध्य प्रदेश प्राकृतिक सम्पदाओं से भरपूर प्रदेश है। यहाँ का पर्यावरण स्वच्छ और स्वास्थ्यप्रद है। इसमें कोई दो राय नहीं कि हमारे पड़ौसी राज्यों की तुलना में हम पीछे हैं लेकिन इसमें हमें उनके प्रतिस्पर्धी न बनकर अपनी सम्पदाओं के जरिये हम उनके मददगार बनें। इससे हमारा विकास होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, उड़ीसा जैस समुद्री प्रदेशों के बंदरगाह पूरी तरह से भर चुके हैं। ऐसे में हम मध्य प्रदेश में ड्रायपोर्ट विकसित करें। इनका उपयोग व्यावसायिक गतिविधियों में लाभकारी होगा। उन्होंने इस संदर्भ में इन्दौर में पूर्व में स्थापित ड्रायफूट का उदाहरण दिया। इसके साथ ही सुमित अवस्थी ने शोध के क्षेत्र में कार्य करने की जरूरत पर बल दिया।
अब विदेशों से प्रतिभाओं के लौटने की खबर बने –
सुमित अवस्थी ने कहा कि आज से कुछ साल पहिले समाचार-पत्रों में इस तरह की खबरें छपती थीं कि अमुख परिवार का बेटा विदेश गया। लेकिन अब ऐसी खबर छपना चाहिये कि फंला परिवार का बेटा विदेश से लौटा। हमारे प्रदेश की प्रतिभायें विदेशों में जाकर खूब नाम कमा रही हैं। ऐसे में जरूरी है कि ये प्रतिभायें प्रदेश में लौटे और हमारे प्रदेश के विकास में सहयोगी बनें। उन्होंने कहा कि इसके लिये हमें बच्चों को ऐसा वातावरण देना होगा ताकि वे अपने प्रदेश में सुविधाजनक वातावरण महसूस करें।
खेलों की तरह कला को भी बढ़ावा मिले –
सत्र में अपने विचार रखते हुए राजधानी भोपाल के गौरव सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता राजीव वर्मा ने कहा कि जिस तरह सरकार खेलों को बढ़ावा देती है उसी तरह कला संस्कृति को भी बढ़ावा दें। छोटे-छोटे शहरों में भी आटोडोरियम स्थापित किये जायें, कलाकारों को नौकरियों में आरक्षण मिले, कलाकारों को सुविधायें मिलें। आज मध्य प्रदेश फिल्मसिटी के रूप में विकसित जरूर हो रहा है लेकिन फिल्मकार इसलिये यहाँ आ रहे हैं कि उन्हें सबसिडी सहित अन्य सुविधायें सस्ते में मिल रही हैं। यहाँ तक की कलाकार भी। सरकार को चाहिये कि फिल्मकारों के सामने शर्त रखे कि हमारे प्रदेश की प्रतिभाओं को पर्दे पर सम्मानजनक स्थान मिले।
संस्कृति नीति बने –
सुप्रसिद्ध नृत्यगुरू पदमश्री डॉ. पुरू दधीच ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि आजादी के इतने सालों बाद भी हमारी कोई सांस्कृतिक नीति नहीं है। मध्य प्रदेश में नृत्य और संगीत के 11 घराने हैं। ऐसे में जरूरी है कि प्रदेश की सांस्कृतिक नीति बनना चाहिये सरकार इस पर प्रमुखता से विचार करें।
इस अवसर पर प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ. नवीन आनंद जोशी ने कहा कि मध्य प्रदेश के विकास पर यहाँ जो सुझाव आये हैं उसकी एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सरकार को प्रस्तुत की जायेगी ताकि प्रदेश के विकास में इसका उपयोग किया जा सके।
सम्मानित प्रतिभायें उत्कृष्ट कार्यों की ध्वजवाहक: राज्यपाल
इसके पूर्व राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने देश-विदेश में मध्यप्रदेश का गौरव बढ़ाने वाली 19 विभूतियों को सम्मानित किया। इनमें कला, साहित्य और उद्योग, पत्रकारिता आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट करने वाली 9 विभूतियों को मध्यप्रदेश रत्न अलंकरण और 10 विभूतियों को प्रतिभा सम्मान से सम्मानित किया।
अपने उद्बोधन में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि सम्मानित प्रतिभाएं उत्कृष्ट कार्यों की ध्वज वाहक होती है।
उनके उत्कृष्ट कार्य समाज को चुनौतियों का सामना करने का विश्वास और विज़न प्रदान करते है। भावी पीढ़ियां उनके पथ का अनुसरण कर समाज को गतिशील और जीवंत बनाती है। उन्होंने कहा कि समाज की प्रतिभाओं को सम्मानित करना वास्तव में देश समाज को गौरवान्वित करने, स्वस्थ समाज और सशक्त राष्ट्र निर्माण का प्रकल्प है। भावी प्रतिभाओं के पथ प्रदर्शन की नैतिक और सामाजिक दोनों दृष्टियों से समाज की जिम्मेदारी है। कार्यक्रम में उपस्थित शंकराचार्य स्वामी श्री वासुदेवानंद ने महाकुंभ के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कार्यक्रम के दौरान सेवानिवृत्त वाइस एडमिरल श्री बिमल वर्मा, पद्मश्री नृत्य गुरु डॉ. पुरू दाधीच, प्रसिद्ध टीवी एंकर सुमित अवस्थी, वस्त्र उद्योग उद्यमी गौतम कोठारी, फिल्म और नाटक के अभिनेता शरद सक्सेना, शिक्षाविद् डॉ. एस.पी. गौतम, एवरेस्ट विजेता पर्वतारोही श्रीमती ज्योति रात्रे, रंगमंच कलाकार वरिष्ठ अभिनेता श्री राजीव वर्मा और प्रसिद्ध साहित्यकार लेखक डॉ. रमेश निर्मल को मध्यप्रदेश रत्न अवॉर्ड प्रदान किए।
राज्यपाल ने मध्यप्रदेश प्रतिभा अवॉर्ड से भारतीय सेना के मेजर अनिकेत चतुर्वेदी, महर्षि विश्वविद्यालय के प्रमुख ब्रह्मचारी गिरीश वर्मा, ब्यूरो चीफ ए.एन.आई. न्यूज एजेंसी संदीप कुमार सिंह, समाज सेवी शिक्षाविद् जय नारायण चौकसे, कार्यकारी वाइस चेयरमैन आईसेक्ट समूह सिद्धार्थ चतुर्वेदी, उद्योगपति रोहित गोविंद सोमानी, समाज सेवी शिक्षाविद् डॉ. डेविश जैन, सीनियर कॉरेस्पोंडेंट दैनिक समाचार पत्र, पत्रिका दीपेश अवस्थी, युवा प्रतिभावान लेखक दिव्यांश व्यास और सुश्री मेघा दीक्षित को सम्मानित किया।
स्वागत भाषण मध्य प्रदेश प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ. नवीन आनंद जोशी ने दिया ,उन्होंने कहा यह समारोह नवरत्नों और 10 विशिष्ट प्रतिभाओं के सम्मानित का अवसर है जिन्होंने विविध क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट योगदान से समाज को नई दिशा दी है, उनकी उपलब्धियां हमें प्रेरित करती हैं और यह विश्वास दिलाती है कि मध्य प्रदेश का भविष्य उज्जवल है। आपने पत्रकारिता धर्म के साथ सामाजिक मूल्यों के लिए पत्रकारों को काम करने पर जोर दिया। पहले सत्र का संचालन रेडियो जॉकी आशीष दवे ने किया , जबकि तकनीकी सत्र का संचालन प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा ने किया। आभार प्रदर्शन अजय प्रताप सिंह ने किया।