उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आनंद कुमार पाठक ने बताया एक सितम्बर 2025 को माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये आदेश से देश भर में 10 लाख से अधिक सरकारी शिक्षकों की नौकरी पर संकट मँडरा गया है । यदि आदेश को निजी स्कूलों पर लागू किया गया तो इससे प्रभावित शिक्षकों की सम्भावित संख्या करोड़ में होगी ।इसके निर्णय के शिक्षक दुःखी एवं चिन्तित हैं ।
सदैव की भाँति कल 5 सितम्बर को देश एवं सभी प्रदेश की सरकारें मंच सजाकर चंद शिक्षकों को चंद लम्हों का सम्मान देंगी ।उनमें कुछ ऐसे शिक्षक भी होंगे जिन्हें भारत सरकार द्वारा tet को लेकर बनाये गये कानून के कारण दो साल बाद सेवा से निकालने की चिंता सता रही होगी ।क्या ऐसे विषम परिस्थिति में मिलने वाले उस सम्मान को शिक्षक मन से स्वीकार करेगा ।भारत सरकार द्वारा tet को लेकर बनाये गये कानून के क्रम में मा सुप्रीमकोर्ट द्वारा दिए गये निर्णय से देश भर के दस लाख से अधिक सरकारी शिक्षकों के सामने दो वर्ष बाद सेवा से बाहर किए जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
जिलामंत्री विजय कुमार उपाध्याय ने बताया संगठन की वर्चुअल बैठक करके सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि संगठन जनपद के सभी शिक्षकों की ओर से माननीय प्रधानमंत्री जी एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री जी से शिक्षकों के साथ न्याय करने की घोषणा का अनुरोध किया जाए। सभी ने एक स्वर में शिक्षकों की सेवा को सुरक्षा व संरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया है।
प्रधानमंत्री व केंद्रीय शिक्षा मंत्री जी की शिक्षकों की नौकरी बचाने की घोषणा ही शिक्षकों के लिए वास्तविक सम्मान होगा। जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष बृजेश तिवारी ने कहा हमे सरकार न्याय दे। जिला कोषाध्यक्ष ने कहा दो हज़ार ग्यारह में जब शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू हुआ तो उसके पहले के शिक्षकों पर टेट की अनिवार्यता उचित नहीं है। संयुक्त मंत्री मोहम्मद अदीब ने कहा जब संशोधन विधेयक पारित हुआ था तब उसका सार्वजनीकरण करके प्रदेश सरकार को विज्ञप्ति जारी करनी चाहिए। वर्चुअल बैठक में सभी तहसील प्रभारी,ब्लॉक अध्यक्ष,मंत्री कोषाध्यक्ष व जनपदीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।