विश्व हिंदी परिषद, गुजरात राज्य के उपाध्यक्ष, मनोनीत हुए श्री शक्तिवीर सिंह

नई दिल्ली : विश्व हिंदी परिषद, राष्ट्रीय महासचिव, डॉ. विपिन कुमार जी द्वारा श्री शक्तिवीर सिंह को गुजरात राज्य का उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया है। परिषद द्वारा यह आशा व्यक्त किया गया है कि श्री शक्तिवीर विश्व हिंदी परिषद के मूल उद्देश्यों को आगे बढ़ाएंगे और आने वाले कल में हिंदी भाषा को देश-विदेश के जन-जन पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएंगे। परिषद का उद्देश्य भारतीय भाषाओं के माध्यम से राजभाषा हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करना है।


डॉ विपिन कुमार, महान स्तंभकार एवं विश्व हिंदी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव, श्री डीपी मिश्रा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, डॉ नन्दकिशोर साह, राष्ट्रीय संपर्क समन्वयक ने श्री सिंह को इस बड़े दायित्व के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं । विश्व हिंदी परिषद, हिंदी के प्रचार-प्रसार की सेवा में एक वैश्विक संस्था है और अपने उद्देश्यों के प्रति वचनबद्ध है।


परिषद ने श्री सिंह का राजभाषा कार्य में अनुभव एवं राजभाषा में विविध गतिविधियों को देखते हुए यह दायित्व सौंपा है ।
वर्तमान में श्री शक्तिवीर सिंह, राजभाषा अधिकारी के रूप में गेल (इंडिया) लिमिटेड, हजीरा, सूरत, गुजरात में कार्यरत हैं। इससे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा में राजभाषा (प्रबन्धक) के रूप में मदुरै क्षेत्रीय कार्यालय और बैंक ऑफ बड़ौदा प्रधान कार्यालय में छह वर्षों तक सेवा दी है। साथ ही टीसीएस, ओरेकल और सीएमसी कंपनियों में पुर्तगाली भाषा विशेषज्ञ के रूप में 05 वर्षों में काम किया है। इस दौरान चेन्नई, मुंबई और बेंगलुरु में सेवा का मौका मिला।

श्री सिंह के देश के प्रमुख समाचार पत्रों में आलेख/पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी के पुत्र श्री सुरेश शास्त्री के सम्पादन में निकलनी वाली पत्रिका “लीगेसी इंडिया” में आलेख प्रकाशित हुआ है। इंडियन बैंक, केनरा बैंक द्वारा प्रकाशित पुस्तकों में भारतीय अर्थव्यवस्था में बैंकों के समामेलन महत्व एवं डिजिटल साक्षारता के माध्यम से बैंकों में जोखिम प्रबंधन विषयों पर आलेख प्रकाशित हुए हैं ।
श्री सिंह जी ने दो दर्जन से अधिक राष्ट्रीय संगोष्ठियों /सेमिनारों में आलेख प्रस्तुति दी है।

राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिनांक 14-15 सितम्बर, 2022 को आयोजित द्वितीय अखिल राजभाषा सम्मेलन की लोगो प्रतियोगिता में चौथा स्थान प्राप्त हुआ। अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलनों में सक्रिय सहभागिता की है। श्री सिंह को भारत सरकार के साथ यूनियन बैंक, क्षेत्रीय कार्यालय, आणंद द्वारा “यूनियन राजभाषा रत्न”, वर्ष 2024-25 हेतु नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, आणंद द्वारा “महाकवि भूषण भाषा” पुरस्कार , सरदार पटेल विश्वविद्यालय, आणंद के कुलपति द्वारा “सरदार पटेल भाषा पुरस्कार” वर्ष 2024-25 हेतु ओएनजीसी कैम्बे परिसंपत्ति द्वारा “ओएनजीसी ओजस्वी पुरस्कार”, भारतीय रिजर्व बैंक, चेन्नई 2021 द्वारा आयोजित निबंध प्रतियोगिता में दूसरा स्थान, वर्ष 2018-19 हेतु नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, मदुरै द्वारा ‘उत्कृष्ट राजभाषा अधिकारी पुरस्कार” से सम्मानित हैं। इसके साथ ही गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित कंठस्थ 2.0 प्रतियोगिता में पीएसयू श्रेणी में दिसंबर 2024 से अब तक प्रथम स्थान पर विराजमान हैं।

श्री सिंह द्वारा लिखित कहानी “निधि” का मंचन रेडियो उड़ान पर हो चुका है, जिसका प्रसारण दुनिया के 13 देशों में किया जाता है।
श्री सिंह ने साठ से अधिक कार्यशालाओं में मुख्य वक्ता/अतिथि वक्ता की भूमिका का निर्वहन किया, जिसमे लगभग सभी राष्ट्रीयकृत बैंक, बीआईएस, आयकर कार्यालय, केन्द्रीय विद्यालय, सीपेट, आईटीबीपी 45वीं वाहिनी, विदेश मंत्रालय, जल बोर्ड, पोस्ट ऑफिस, खादी ग्रामोउद्योग, एसवीएनआईटी, जीएसटी आदि कार्यालय रहें।


श्री सिंह जी को गुजरात के इस बड़े दायित्व के लिए डॉ. नन्दकिशोर, राष्ट्रीय संपर्क समन्वयक, डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी, चीन, श्री विक्रमादित्य सिंह, अध्यक्ष, ओड़िशा, श्री गोबिंद चौधरी, महामंत्री, ओडिशा, संगीता बनाफर, विश्व हिंदी परिषद के अन्य राज्यों के पदाधिकारियों, अनेक पत्रकार, साहित्यकार एवं समाज सेवियों ने शुभकामनाएं एवं बधाई दी हैं।

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