संतकबीरनगर ।उप निदेशक कृषि डॉ0 राकेश कुमार सिंह ने बताया कि कार्यालय सभागार में दो दिवसीय तिलहन कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें तहसील धनघटा के विकासखंड नाथ नगर हैसर बाजार एवं पौली के कुल 90 किसानों के द्वारा प्रतिभाग किया गया।
बैठक में उप निदेशक कृषि द्वारा बताया गया कि जनपद में इस वर्ष सितंबर माह में 14 कुंतल तोरिया प्रजाति उत्तर का बीज 50% अनुदान पर एवं सरसों गिरिराज प्रजाति का 26 कु0 बीज 50% अनुदान पर किसानों को उपलब्ध कराया गया।
जिला कृषि अधिकारी डॉ0 सर्वेश कुमार के द्वारा बताया गया कि किसान भाई धान, गेहूं के अतिरिक्त दलहन तिलहन को अपनी खेती-बाड़ी में समावेश करके आय में वृद्धि कर सकते हैं, जिसके लिए विभाग उन्नतशील तकनीकी के प्रदर्शन आयोजित करता है, किसान सहफसली फसल के रूप में भी आलू की फसल, चने की फसल, गेहूं इत्यादि के साथ भी सरसों की बिजाई कर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं।
भूमि संरक्षण अधिकारी सी0पी0 सिंह के द्वारा बताया गया कि सरसों, तोरिया, अलसी इत्यादि का तेल वनस्पति तेल रिफाइंड तेल इत्यादि से उत्तम होता है, जिससे हृदय संबंधी, उक्त रक्तचाप संबंधी बीमारी नहीं होती है। हमें अपने स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से भी स्वयं तिलहनी फसलों की खेती करनी चाहिए, जिससे अच्छी गुणवत्ता का तेल हमें वर्ष भर उपलब्ध रहे।
कृषि विज्ञान केंद्र बगही के डॉ0 तरुण कुमार द्वारा सरसों तोरिया की फसल की बुवाई उन्नतशील प्रजाति रोग एवं कीट नियंत्रण उन्नतशील फसल पद्धति के बारे में विस्तार से किसानों को बताया गया। उनके द्वारा बताया गया कि सरसों की फसल में 15 दिन में अवश्य विरली करण करें, प्रथम सिंचाई 15 दिन में, इसके उपरांत यूरिया एवं सल्फर की टॉप ड्रेसिंग करें, दूसरी सिंचाई यदि वर्षा नहीं होती है तो दिसंबर माह में ही कर ले आरा मक्खी, बागराडा, माहू की रोकथाम के लिए कीटनाशक दवाओं का सही तरीके से इस्तेमाल करें, अल्टरनरिया ब्लाइट, व्हाइट रस्ट के बचाव हेतु मौसम की परिस्थितियों के अनुसार पहले से ही कृषि रक्षा रसायन का प्रयोग करें नीम ऑयल ढाई लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करने से महू का रोकथाम होती है इनके द्वारा बताया गया कि विकास कृषि विज्ञान केंद्र में हाईटेक नर्सरी की स्थापना की जा चुकी है जिससे सीजन में 3 लाख अच्छी गुणवत्ता के सब्जियों के बीज पैदा किए जाने की क्षमता है किसान भाई इस नर्सरी का लाभ उठाएं।