प्रधानमंत्री मन की बात की 117वीं संस्करण में माननीय प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ

मन की बात की 117वीं संस्करण : माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी ने मन की बात की 117वीं संस्करण के दौरान अपने संबोधन में कहा; मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। 2025 बस अब तो आ ही गया है, दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। 2025 में 26 जनवरी को हमारे संविधान को लागू हुए 75 वर्ष होने जा रहे हैं। हम सभी के लिए बहुत गौरव की बात है। हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें जो संविधान सौंपा है वो समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है। संविधान हमारे लिए guiding light है, हमारा मार्गदर्शक है। ये भारत का संविधान ही है जिसकी वजह से मैं आज यहाँ हूँ, आपसे बात कर पा रहा हूँ।

इस साल 26 नवंबर को संविधान दिवस से एक साल तक चलने वाली कई activities शुरू हुई हैं। देश के नागरिकों को संविधान की विरासत से जोड़ने के लिए constitution75.com नाम से एक खास website भी बनाई गई है। इसमें आप संविधान की प्रस्तावना पढ़कर अपना video upload कर सकते हैं। अलग-अलग भाषाओं में संविधान पढ़ सकते हैं, संविधान के बारे में प्रश्न भी पूछ सकते हैं। ‘मन की बात’ के श्रोताओं से, स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से, कॉलेज जाने वाले युवाओं से, मेरा आग्रह है, इस website पर जरूर जाकर देखें, इसका हिस्सा बनें। साथियो, अगले महीने 13 तारीख से प्रयागराज में महाकुंभ भी होने जा रहा है।

इस समय वहां संगम तट पर जबरदस्त तैयारियाँ चल रही हैं। मुझे याद है, अभी कुछ दिन पहले जब मैं प्रयागराज गया था तो हेलिकॉप्टर से पूरा कुम्भ क्षेत्र देखकर दिल प्रसन्न हो गया। इतना विशाल! इतना सुंदर! इतनी भव्यता! साथियो, महाकुंभ की विशेषता केवल इसकी विशालता में ही नहीं है। कुंभ की विशेषता इसकी विविधता में भी है। इस आयोजन में करोड़ों लोग एक साथ एकत्रित होते हैं। लाखों संत, हजारों परम्पराएँ, सैकड़ों संप्रदाय, अनेकों अखाड़े, हर कोई इस आयोजन का हिस्सा बनता है।

कहीं कोई भेदभाव नहीं दिखता है, कोई बड़ा नहीं होता है, कोई छोटा नहीं होता है। अनेकता में एकता का ऐसा दृश्य विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलेगा। इसलिए हमारा कुंभ एकता का महाकुंभ भी होता है। इस बार का महाकुंभ भी एकता के महाकुंभ के मंत्र को सशक्त करेगा। मैं आप सबसे कहूँगा, जब हम कुंभ में शामिल हों, तो एकता के इस संकल्प को अपने साथ लेकर वापस आयें। हम समाज में विभाजन और विद्वेष के भाव को नष्ट करने का संकल्प भी लें। अगर कम शब्दों में मुझे कहना है तो मैं कहूँगा… महाकुंभ का संदेश, एक हो पूरा देश। और अगर दूसरे तरीके से कहना है तो मैं कहूँगा… गंगा की अविरल धारा, न बँटे समाज हमारा।।

साथियो, इस बार प्रयागराज में देश और दुनिया के श्रद्धालु digital महाकुंभ के भी साक्षी बनेंगे। Digital Navigation की मदद से आपको अलग-अलग घाट, मंदिर, साधुओं के अखाड़ों तक पहुँचने का रास्ता मिलेगा। यही navigation system आपको parking तक पहुँचने में भी मदद करेगा। पहली बार कुंभ आयोजन में AI chatbot का प्रयोग होगा। AI chatbot के माध्यम से 11 भारतीय भाषाओं में कुंभ से जुड़ी हर तरह की जानकारी हासिल की जा सकेगी। इस chatbot से कोई भी text type करके या बोलकर किसी भी तरह की मदद मांग सकता है। पूरा मेला क्षेत्र को AI-Powered cameras से cover किया जा रहा है। कुंभ में अगर कोई अपने परिचित से बिछड़ जाएगा तो इन कैमरों से उन्हें खोजने में भी मदद मिलेगी। श्रद्धालुओं को digital lost & found center की सुविधा भी मिलेगी।

श्रद्धालुओं को मोबाईल पर government-approved tour packages, ठहरने की जगह और homestay के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। आप भी महाकुंभ में जाएँ तो इन सुविधाओं का लाभ उठाएं। श्री मोदी बोले साथियो, ‘मन की बात’ यानि MKB में अब बात KTB की, जो बड़े बुजुर्ग हैं, उनमें से, बहुत से लोगों को KTB के बारे में पता नहीं होगा। लेकिन जरा बच्चों से पूछिए KTB उनके बीच बहुत ही superhit है। KTB यानि कृष, तृष और बाल्टीबॉय। आपको शायद पता होगा बच्चों की पसंदीदा animation series और उसका नाम है KTB – भारत हैं हम और अब इसका दूसरा season भी आ गया है।

ये तीन animation character हमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन नायक-नायिकाओं के बारे में बताते हैं जिनकी ज्यादा चर्चा नहीं होती। हाल ही में इसका season-2 बड़े ही खास अंदाज में Iinternational Film Festival of India, Goa में launch हुआ। सबसे शानदार बात ये है कि ये series न सिर्फ भारत की कई भाषाओं में बल्कि विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित होती है। इसे दूरदर्शन के साथ-साथ अन्य OTT platform पर भी देखा जा सकता है।

साथियो, हमारी animation फिल्मों की, regular फिल्मों की, टीवी serials की, popularity दिखाती है कि भारत की creative Industry में कितनी क्षमता है। यह Industry न सिर्फ देश की प्रगति में बड़ा योगदान दे रही है, बल्कि, हमारी economy को भी नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। हमारी Film & Entertainment Industry बहुत विशाल है। देश की कितनी ही भाषाओं में फिल्में बनती हैं, creative content बनता है। मैं अपनी film और entertainment Industry को इसलिए भी बधाई देता हूँ, क्योंकि उसने ‘एक भारत – श्रेष्ठ भारत’ के भाव को सशक्त किया है। भारत सरकार के सहयोग से Tamil Teaching Programme शुरू हुआ।

बीते 80 वर्षों में यह पहला अवसर है, जब फ़िजी में तमिल के Trained Teachers इस भाषा को सिखा रहे हैं। मुझे ये जानकार अच्छा लगा कि आज फ़िजी के students तमिल भाषा और संस्कृति को सीखने में काफी दिलचस्पी ले रहे हैं। साथियो, ये बातें, ये घटनाएं, सिर्फ सफलता की कहानियाँ नहीं है। ये हमारी सांस्कृतिक विरासत की भी गाथाएं हैं। ये उदाहरण हमें गर्व से भर देते हैं। Art से आयुर्वेद तक और Language से लेकर Music तक, भारत में इतना कुछ है, जो दुनिया में छा रहा है। साथियो, सर्दी के इस मौसम में देश-भर से खेल और fitness को लेकर कई activities हो रही हैं। मुझे खुशी है कि लोग fitness को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना रहे हैं। कश्मीर में Skiing से लेकर गुजरात में पतंगबाजी तक, हर तरफ, खेल का उत्साह देखने को मिल रहा है।

#SundayOnCycle और #CyclingTuesday जैसे अभियानों से Cycling को बढ़ावा मिल रहा है। बागान में रहने वाले एकजुट हुए, तो इसमें काफी हद तक सफलता मिलने लगीI अपने इस प्रयास में उन्होनें Technology के साथ-साथ Social media का भी भरपूर इस्तेमाल किया है। इसी तरह हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले ने मलेरिया पर नियंत्रण के लिए बड़ा अच्छा model पेश किया।

यहां मलेरिया की monitoring के लिए जनभागीदारी काफी सफल रही है। नुक्कड़ नाटक और रेडियो के जरिए ऐसे संदेशों पर जोर दिया गया, जिससे मच्छरों की breeding कम करने में काफी मदद मिली हैI देश-भर में ऐसे प्रयासों से ही हम मलेरिया के खिलाफ जंग को और तेजी से आगे बढ़ा पाए है। अपनी जागरूकता और संकल्प शक्ति से हम क्या कुछ हासिल कर सकते हैं, इसका दूसरा उदाहरण है cancer से लड़ाई। दुनिया के मशहूर Medical Journal Lancet की study वाकई बहुत उम्मीद बढ़ाने वाली हैI इस Journal के मुताबिक अब भारत में समय पर cancer का इलाज शुरू होने की संभावना काफी बढ़ गई है।

समय पर इलाज का मतलब है – cancer मरीज का treatment 30 दिनों के भीतर ही शुरू हो जाना और इसमें बड़ी भूमिका निभाई है – ‘आयुष्मान भारत योजना’ ने। इस योजना की वजह से cancer के 90 प्रतिशत मरीज, समय पर अपना इलाज शुरू करा पाए हैं। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि पहले पैसे के अभाव में गरीब मरीज cancer की जांच में, उसके इलाज से कतराते थे। अब ‘आयुष्मान भारत योजना’ उनके लिए बड़ा संबल बनी है। अब वो आगे बढ़कर अपना इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। ‘आयुष्मान भारत योजना’ ने cancer के इलाज में आने वाली पैसों की परेशानी को काफी हद तक कम किया है। अच्छा ये भी है, कि आज समय पर, cancer के इलाज को लेकर, लोग, पहले से कहीं अधिक जागरूक हुए हैं।

यह उपलब्धि जितनी हमारे Healthcare system की है, डॉक्टरों, नर्सों और Technical staff की है, उतनी ही, आप, सभी मेरे नागरिक भाई-बहनों की भी है। सबके प्रयास से cancer को हारने का संकल्प और मजबूत हुआ है। इस सफलता का credit उन सभी को जाता है, जिन्होनें जागरूकता फैलाने में अपना अहम योगदान दिया है। Cancer से मुकाबले के लिए एक ही मंत्र है – Awareness, Action और Assurance. Awareness यानि cancer और इसके लक्षणों के प्रति जागरूकता, Action यानि समय पर जांच और इलाज, Assurance यानि मरीजों के लिए हर मदद उपलब्ध होने का विश्वास।

आईए, हम सब मिलकर cancer के खिलाफ इस लड़ाई को तेजी से आगे ले जाएं और ज्यादा-से-ज्यादा मरीजों की मदद करें। वे बोले; मेरे प्यारे देशवासियो, आज मैं आपको ओडिशा के कालाहांडी के एक ऐसे प्रयास की बात बताना चाहता हूँ, जो कम पानी और कम संसाधनों के बावजूद सफलता की नई गाथा लिख रहा है। ये है कालाहांडी की ‘सब्जी क्रांति’।

जहां, कभी किसान, पलायन करने को मजबूर थे, वहीं आज, कालाहांडी का गोलामुंडा ब्लॉक एक vegetable hub बन गया है। यह परिवर्तन कैसे आया? इसकी शुरुआत सिर्फ 10 किसानों के एक छोटे से समूह से हुई। इस समूह ने मिलकर एक FPO – ‘किसान उत्पाद संघ’ की स्थापना की, खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया, और आज उनका ये FPO करोड़ों का कारोबार कर रहा है। आज 200 से अधिक किसान इस FPO से जुड़े हैं, जिनमें 45 महिला किसान भी हैं। ये लोग मिलकर 200 एकड़ में टमाटर की खेती कर रहे हैं, 150 एकड़ में करेले का उत्पादन कर रहे हैं। अब इस FPO का सालाना turnover भी बढ़कर डेढ़ करोड़ से ज्यादा हो गया है। आज कालाहांडी की सब्जियां, न केवल ओडिशा के विभिन्न जिलों में, बल्कि, दूसरे राज्यों में भी पहुँच रही हैं, और वहाँ का किसान, अब, आलू और प्याज की खेती की नई तकनीकें सीख रहा है।

साथियो, कालाहांडी की यह सफलता हमें सिखाती है कि संकल्प शक्ति और सामूहिक प्रयास से क्या नहीं किया जा सकता। मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ :- अपने क्षेत्र में FPO को प्रोत्साहित करें किसान उत्पादक संगठनों से जुड़ें और उन्हें मजबूत बनाएं। याद रखिए – छोटी शुरुआत से भी बड़े परिवर्तन संभव हैं। हमें, बस, दृढ़ संकल्प और टीम भावना की जरूरत है। आज की ‘मन की बात’ में हमने सुना, कि कैसे हमारा भारत, विविधता में एकता के साथ आगे बढ़ रहा है।

चाहे वो खेल का मैदान हो या विज्ञान का क्षेत्र, स्वास्थ हो या शिक्षा – हर क्षेत्र में भारत नई ऊंचाइयों को छू रहा है। हमने एक परिवार की तरह मिलकर हर चुनौती का सामना किया और नई सफलताएं हासिल की। 2014 से शुरू हुए ‘मन की बात’ के 116 episodes में मैंने देखा है कि ‘मन की बात’ देश की सामूहिक शक्ति का एक जीवंत दस्तावेज़ बन गया है। आप सभी ने इस कार्यक्रम को अपनाया, अपना बनाया। हर महीने आपने अपने विचारों और प्रयासों को साझा किया। कभी किसी young innovator के Idea ने प्रभावित किया, तो कभी किसी बेटी की achievement ने गौरवान्वित किया।

ये आप सभी की भागीदारी है जो देश के कोने-कोने से positive energy को एक साथ लाती है। ‘मन की बात’ इसी positive energy के amplification का मंच बन गया है, और अब, 2025 दस्तक दे रहा है। आने वाले साल में ‘मन की बात’ के माध्यम से हम और भी Inspiring प्रयासों को साझा करेगें। मुझे विश्वास है कि देशवासियों की positive सोच और Innovation की भावना से भारत नई ऊंचाइयों को छूएगा। आप अपने आस-पास के unique प्रयासों को #Mannkibaat के साथ share करते रहिए। मैं जानता हूँ कि अगले साल की हर ‘मन की बात’ में हमारे पास एक दूसरे से साझा करने के लिए बहुत कुछ होगा। आप सभी को 2025 की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं। स्वस्थ रहें, खुश रहें, Fit India Movement में आप भी जुड़ जाइए, खुद को भी fit रखिए। जीवन में प्रगति करते रहें।

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