झारखंड, जिला पूर्वी सिंहभूम स्थित मोऊभंडार, ताम्रनगरी, ताम्र प्रतिभा मंच, फुटबॉल मैदान, घाटशिला में आज 19 मई 2024 को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक चुनावी जनसभा को संबोधित किए जहां उमड़ा जन सैलाब। वे भाजपा प्रत्याशी विद्युत वरण महतो के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। जहां उन्होंने विरोधियों पर गरजते हुए कहा कि कांग्रेस को विकास का कखग भी नहीं मालूम तो देश क्या चलाएंगे।
कांग्रेस, झामुमो और राजद ने झारखंड को हर मोर्चे पर लूटा है। इनका काम है झूठ बोलो, ये गरीबों की संपत्ति का एक्स-रे करेंगे, मुझे गालियां देंगे। इससे ज्यादा कुछ नहीं सकते। जमशेदपुर केवल एक शहर नहीं, बल्कि मिनी हिंदुस्तान है। आपका उत्साह बता रहा है कि 4 जून को परिणाम क्या आने वाला है। वें बोले झारखंड राज्य खनिज संपदा से अमीर होते हुए भी यहां के लोग गरीब हैं। कांग्रेस, जेएमएम, राजद ने झारखण्ड को लूट का अड्डा बना रखा है। प्रदेश के नाम से नोटों का पहाड़ याद आता है। हेमंत सोरेन का नाम लिए बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यहां तो लूट ऐसी है कि इनलोगों ने सेना की जमीन तक नहीं छोड़ी!
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी है। जेएमएम-कांग्रेस ने केवल अपनी तिजोरियां भरने का काम किया हैं। कांग्रेस से देश के संविधान को खतरा है। इंडी गठबंधन वाले ओबसी, एससी, एसटी का आरक्षण खत्म कर मुस्लिमों को देना चाहते हैं। मैंने इनसे कहा कि लिखकर दो कि ओबीसी, पिछड़ों का आरक्षण मुसलमानों को नहीं देंगे, इस पर वे चुप्पी साध गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शहजादे वायनाड से भागकर रायबरेली गए; वहां सबको बोल रहे हैं कि ये मेरी मम्मी की सीट है; अरे कोई बच्चा भी स्कूल जाता है
तो नहीं कहता कि ये मेरे पापा का स्कूल है भले ही वे स्कूल में पढ़ाते हो। उनकी मम्मी भी कह रही हैं कि मैंने अपना बेटा सौंप दिया है। लोग पूछते हैं कि बेटे को रायबरेली देने आई हो, लेकिन कोविड के समय क्या एक बार भी हमारा हाल नहीं पूछा। पीएम ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि शहजादे की भाषा माओवादियों, नक्सलियों वाली है। वैसे भी नक्सली उद्योग लगाने वालों से रंगदारी मांगते ही हैं। आप बताइए ऐसे नोटों के पहाड़ लगाने वालों को एक भी वोट मिलना चाहिए क्या? कांग्रेस ने कभी भी आपकी परवाह नहीं की।
राहुल निवेश के खिलाफ बोलते हैं। कांग्रेस शासित राज्य के सीएम को चुनौती देता हूं। ये कोई पॉलिटिक्ल स्टेटमेंट नहीं है; ये मेरी उनको चुनौती है। क्योंकि शहजादे उद्योग का विरोध करते हैं, निवेश का विरोध करते हैं; उनके राज्यों का क्या होगा? कौन उद्योगपति वहां उद्योग लगाएंगे, मैं उन राज्यों के नौजवानों से पूछता हूं कि शहजादे की भाषा से कौन उद्योग आएगा? उद्योगपति भी सोचेंगे कि जब शहजादे की ऐसी भाषा है, तो सीएम भी वैसे ही होंगे। फिर जब आपके राज्य में उद्योग नहीं आए तो मुझे मत कहना।
आगे उन्होंने कहा कि झारखंड को परिवारवाद से बचाना है तो कमल को खिलने दे और झारखंड कि विकास गंगा को बहने दे।