देश के सांसदों को मिला टाइप-VII बहुमंजिला फ्लैट : इस नवनिर्मित 184 टाइप-VII बहुमंजिला फ्लैटों का उद्घाटन श्री मोदी ने अपने कर कमलों से किया। उक्त अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की चार महान नदियों के नाम पर रखे गए परिसर के चार टावरों- कृष्णा, गोदावरी, कोसी और हुगली का उल्लेख करते हुए कहा कि लाखों लोगों को जीवन देने वाली ये नदियां अब जन-प्रतिनिधियों के जीवन में आनंद की एक नई धारा प्रवाहित करेंगी। उन्होंने कहा कि नदियों पर नामकरण की परंपरा देश को एकता के सूत्र में बांधती है। श्री मोदी ने कहा कि यह नया परिसर दिल्ली में सांसदों के जीवन को और आसान बनाएगा।
उन्होंने कहा कि अब दिल्ली में सांसदों के लिए सरकारी आवास की उपलब्धता बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने सभी संसद सदस्यों को बधाई दी और फ्लैटों के निर्माण में शामिल इंजीनियरों व श्रमजीवियों की भी सराहना की तथा परियोजना को पूरा करने में उनके समर्पण एवं कड़ी मेहनत की सराहना की। प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्हें सांसदों के लिए नवनिर्मित आवासीय परिसर में एक सैंपल फ्लैट देखने का अवसर मिला। उन्होंने बताया कि उन्हें सांसदों के पुराने आवासों की स्थिति का भी अवलोकन करने का अवसर मिला।
श्री मोदी ने कहा कि पुराने आवास अक्सर बदहाली की अवस्था में होते थे और सांसदों को अपने पुराने आवासों की खराब स्थिति के कारण अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि नए आवास सांसदों को ऐसी चुनौतियों से मुक्ति दिलाएंगे। प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि जब सांसद अपने निजी आवास संबंधी समस्याओं से मुक्त होंगे, तो वे अपना समय और ऊर्जा जन-समस्याओं के समाधान के लिए अधिक प्रभावी ढंग से समर्पित कर पाएंगे। पहली बार निर्वाचित सांसदों को दिल्ली में आवास प्राप्त करने में आने वाली चुनौतियों का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि ये नवनिर्मित भवन इन परेशानियों को दूर करने में मदद करेंगे।
उन्होंने बताया कि इन बहुमंजिला इमारतों में 180 से ज़्यादा सांसद एक साथ रह सकेंगे। उन्होंने नई आवास पहल के महत्वपूर्ण आर्थिक पक्ष को भी रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कई मंत्रालय किराए के भवनों में चल रहे थे, जिससे वार्षिक लगभग 1,500 करोड़ रुपए किराए के रूप में खर्च हो रहे थे और यह, देश के पैसों की सीधी बर्बादी थी। उन्होंने यह भी कहा कि सांसदों के लिए पर्याप्त आवास की कमी के कारण भी सरकारी खर्च बढ़ता था।
श्री मोदी ने बताया कि सांसदों के लिए आवास की कमी के बावजूद, 2004 से 2014 के बीच लोकसभा सांसदों के लिए एक भी नई आवास इकाई का निर्माण नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद, सरकार ने इस कार्य को एक अभियान की तरह लिया और नए उद्घाटन किए गए इन फ्लैटों को मिलाकर, 2014 से लगभग 350 सांसद आवास बनाए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन आवासों के पूरा होने से अब जनता का पैसा भी बच रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का भारत विकास के लिए जितना अधीर है, उतना ही अपनी जिम्मेदारियों के प्रति भी संवेदनशील है। उन्होंने आगे कहा कि देश अपने सांसदों के लिए नए आवासों का निर्माण तो कर ही रहा है, साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से 4 करोड़ गरीब परिवारों को घर का स्वामित्व भी प्रदान कर रहा है।
श्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि देश ने एक नए संसद भवन का निर्माण किया है, तो सैकड़ों नए मेडिकल कॉलेज भी स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि इन पहलों का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंच रहा है।नवनिर्मित सांसद आवासों में सतत विकास के प्रमुख तत्वों के समावेश पर संतोष व्यक्त करते हुए; यह पहल पर्यावरण अनुकूल और सुरक्षित भविष्य के दृष्टिकोण के अनुरूप है। प्रधानमंत्री ने इन आवासीय परिसर में सौर-ऊर्जा से संचालित बुनियादी ढांचे को शामिल किए जाने का भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि भारत सतत विकास के अपने दृष्टिकोण को निरंतर आगे बढ़ा रहा है जो सौर-ऊर्जा के क्षेत्र में उसकी उपलब्धियों और नए कीर्तिमानों में परिलक्षित हो रहा है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सांसदों से आग्रह करते हुए कहा कि देश के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के सांसद अब एक साथ रहेंगे और उनकी उपस्थिति ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रतीक होनी चाहिए। श्री मोदी ने परिसर की सांस्कृतिक जीवंतता को बढ़ाने के लिए परिसर में क्षेत्रीय त्योहारों के सामूहिक आयोजन को प्रोत्साहित किया।
उन्होंने इन आयोजनों में भाग लेने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को आमंत्रित करने और अधिक जनभागीदारी को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। प्रधानमंत्री ने सांसदों से एक-दूसरे की क्षेत्रीय भाषाओं के शब्द सीखने और सिखाने का आग्रह किया जिससे भाषाई सद्भाव को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि स्थिरता और स्वच्छता परिसर की खास विशेषताएं होनी चाहिए और यह प्रतिबद्धता सभी को निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि न केवल आवासों को, बल्कि पूरे परिसर को साफ व स्वच्छ बनाए रखा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्य के समापन में आशा व्यक्त की कि सभी सांसद एक टीम के रूप में मिलकर काम करेंगे और उनके सामूहिक प्रयास राष्ट्र के लिए एक आदर्श बनेंगे। उन्होंने मंत्रालय और आवास समिति से सांसदों के विभिन्न आवासीय परिसरों के बीच स्वच्छता प्रतियोगिताएं आयोजित करने का भी आग्रह किया। उपरोक्त के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्रीगण और संसद सदस्य उपस्थित रहे।