संतकबीरनगर।जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि वादी रामअशीष पुत्र स्व0 रामअधारे यादव निवासी रेवडा विजयपुर थाना-हरपुरबुधहट जिला-गोरखपुर ने थाना खलीलाबाद में प्रार्थना पत्र दिया कि उनकी लड़की रागिनी की शादी 24/05/2022 को संत कबीर नगर जिले के कोतवाली थाना खलीलाबाद के अन्तर्गत ग्राम विश्वनाथपुर टोला रईमा के निवासी अमरीश पुत्र रामलौट से हुई थी। शादी में उन्होंने यथासम्भव दहेज उपहार स्वरूप दिया था। उनकी लडकी शादी के अगले दिन विदा होकर अपने ससुराल चली गयी। उसके एक माह बाद से ही उनकी बेटी रागनी बार-बार फोन कर बताती थी कि उनके ससुराल के लोग 4 लाख रूपयें एवं एक बुलट मोटर साईकिल की मांग करते है। रागनी जब-जब घर आई तो घर के सभी लोगों को बताया कि उसके पति, ससुर, सास, जेठ, जेठानी, एवं ननद जिसमें जेठ-मनोज, मनीष, जेठानी प्रिंस, मनीषा आदि सभी लोगों अतिरिक्त दहेज की माँग करते हुए मारते पीटते है. और सदैव जान से मारने की भी धमकिया देते रहते थे।उनकी लड़की 4 माह की गर्भस्थ थी। दिनांक 05/06-05/2023 की रात में उपरोक्त सभी लोगों मिलकर अतिरिक्त दहेज की माँग करते हुए रागनी की गला दबाकर हत्या कर दिये और दवा के बहाने सदर हास्पिटल लेकर आये। रामलौट ने जरिये फोन उनको 06/05/2023 को सुबह 5.00 बजे के लगभग सूचना दिये कि आप की लड़की की तबियत बहुत ज्यादा खराब है, आईये मैं सदर अस्पताल लेकर आया हूँ। वह जब तक अस्पताल पहुंचा तब तक रागिनी मृत्यु हो चुकी थी।रागिनी के ससुराल के लोगों ने मिलकर दहेज के लिए उनकी लड़की की हत्या कर दिये।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में दहेज हत्या का मुकदमा पंजीकृत हुआ तथा अभियोजन की तरफ से कुल 07 साक्षियों का साक्ष्य कराया गया। चिकित्सा साक्षी डॉक्टर इश्तियाक अहमद ने पोस्टमार्टम किए थे और अपनी राय में उन्होंने रागिनी की मृत्यु गला दबाने के फलस्वरुप श्वास नली अवरुद्ध होने के कारण होने का उल्लेख किया ।
बहस के दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि मृतका गर्भवती थी तथा उसकी मृत्यु उसके विवाह के 07 वर्ष के अंदर अस्वाभाविक स्थिति में हुई थी ऐसी स्थिति में आरोपी को कठोर दंड दिया जाए। मामले की परिस्थितियों को देखते हुए मा0 सत्र न्यायाधीश मोहनलाल विश्वकर्मा ने आरोपी पति अमरीश यादव को हत्या के अपराध में सश्रम आजीवन कारावास और रूपये 25000 से दंडित किया तथा गर्भपात करने के आरोप में भी सश्रम आजीवन कारावास और रूपये 25000 के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड न अदा करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश दिया गया है।
उन्होंने बताया कि उक्त घटना होने के दो वर्ष में ही पीड़ित पक्ष को न्याय मिला है।