होल्कर का जीवन आध्यात्मिकता और सुशासन का अनुपम संगम था- पूर्व मेयर
अलीगंज। पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी स्मृति अभियान के अर्न्तगत एसपीएस रिसोर्ट अलीगंज पर विधानसभा पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व मेयर अलीगढ़ आशुतोष वार्ष्णेय ने समस्त जनप्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह वर्ष पूण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होल्कर की जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनका जन्म 31 मई 1725 में महाराष्ट्र के चौड़ी गांव में हुआ था। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में इनकी प्रतिमा स्थापित किया व पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होल्कर ने काशी विश्वनाथ से लेकर सोमनाथ तक अनेकों मंदिरों का जीर्णोधार कराया।

प्राचीनता और आधुनिकता का संगम जो उनके जीवन में था, आज देश उसे आदर्श मानकर आगे ब-सजय रहा है। पूण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होल्कर भारतीय इतिहास में एक ऐसी शासिका के रूप में जानी जाती है, जिनका जीवन आध्यात्मिकता, धर्म-ंउचयकर्म और सुशासन का अनुपम संगम था। उनके इसी अनन्य स्वरूप ने इन्हें पुण्य श्लोक की उपाधि प्रदान की। उनकी शिवभक्ति और धार्मिक कार्यों के प्रति समपर्ण ने उन्हें युगों तक अमर बना दिया उनके धार्मिक कार्य आज भी लाखों लोगो को प्रेरित करते है। वही विधायक सत्यपाल सिंह राठौड़ ने सम्बोधित करते हुए बताया कि अहिल्याबाई होल्कर जी का जीवन -शोर्य साधना, सेवा, समर्पण, संयम और सादगी का अप्रतिम उदाहरण है।

अहिल्याबाई होलकर साधारण से किसान के घर पैदा हुई एक महिला थी, जिन्होंने सदैव अपने राज्य और वहां के लोगों के हित में ही कार्य किया। उनके कार्य की प्रणाली बहुत ही सुगम एवं सरल है। इस अवसर पर पूर्व मेयर अलीगढ़ आशुतोष वार्ष्णेय के अलावा विधायक सत्यपाल सिंह राठौड़, जिला महामंत्री कु. आशीष राजपूत, विधायक पुत्र सूरज राठौड़, संयोजक जीतू राठौर जयसिंह प्रधान, जीतू राठौर, विजय शाक्य, राम प्रकाश वर्मा, लोकपाल शाक्य, बिहारी लाल प्रधान, रीता कुमारी, सीता देवी, मंजू देवी, स्नेह लता, सुमन लता, गंगाधर बीबीएम, निलेश राजपूत, चंद्रशेखर पांडेय, संजय दीक्षित, दिनेश राठौर, भानु राठौर, बिट्टू राठौर, नवीन राजपूत, महेंद्र सिंह शाक्य सहित अन्य कार्यकर्ता व स्थानीय लोग मौजूद रहे।
दिलीप सिंह मंडल ब्योरो एटा