रांची: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा रांची जिला के तत्वावधान में आज झारखंड अलग राज्य आन्दोलन के अमर पुरोधा शहीद देवेंद्र मांझी की 31वीं पुण्यतिथि मनाई गई। उक्त अवसर पर डोरंडा देवेंद्र मांझी चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कि गई।
आंदोलनकारियों ने शहीद देवेंद्र मांझी अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा, शहीद देवेंद्र मांझी का नाम रहेगा के गगन भेदी नारें गूंज उठे।आंदोलनकारियों ने मांग की कि रांची चाईबासा पथ का नाम शहीद देवेंद्र माझी मार्ग करने तथा शहीद देवेंद्र मांझी की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की।
इस मौके पर मुख्य अतिथि झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने कहा कि शाहिद देवेंद्र मांझी ने झारखंड अलग राज्य के मूल्यों की रक्षा के संघर्ष करते हुए शहादत दी है। वे उनकी हत्या एक राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा था। उनके संघर्ष और शहादत को झारखंड एवं आंदोलनकारी भूल नहीं सकते।
देवेंद्र मांझी आज भी अमर है; आंदोलनकारियों के अरमानों में, झारखंड के खेतों खलिहानों एवं वनों पहाड़ों में। केंद्रीय उपाध्यक्ष इजहार राही ने अपने वक्तव्य में कहा कि शाहिद देवेंद्र मांझी ने झारखंड अलग राज्य के संघर्ष के साथ जल, जंगल, जमीन को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। उनकी कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी बल्कि हर वर्ष उनकी कुर्बानी पर मेले लगेंगे। कार्यक्रम में दक्षिणी छोटा नागपुर प्रमंडल के प्रभारी अनथन लकड़ा ने कहा कि देवेंद्र मांझी झारखंड अलग राज्य आंदोलन के महान नेताओं में एक हैं उनके त्याग- बलिदान को हम भूल नहीं सकते हैं।
राज्य सरकार शहीद देवेन्द्र मांझी को गजट नोटिफिकेशन कर झारखंड आंदोलनकारी का सम्मान देना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला अध्यक्ष सुबोध कुमार लकड़ा ने कहा कि झारखंड अलग राज्य के मूल्य अभी अधूरे हैं। आंदोलनकारी के रूप में जो सम्मान देवेंद्र मांझी को मिलना चाहिए वह राजकीय मान सम्मान नहीं मिलना दुर्भाग्य है। इस दौरान अमर भेंगरा, दिनेश महतो, मोइनुद्दीन, दिनेश दूबे, भुवनेश्वर सेनापति, डॉ. शैलेंद्र शर्मा, बिमल कुमार, सुनील तिर्की, राजेश राम समेत अन्य प्रमुख शामिल रहे।