प्रधान जिला जज : आपराधिक मामलों में अनुसंधानकर्ता ध्यान रखें कि निर्दोषों को अनावश्यक परेशानी न हो।

झारखंड, जमशेदपुर। डालसा ने किया बहु हितधारक परामर्श पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन, प्रधान जिला जज ने कहा आपराधिक मामलों में अनुसंधानकर्ता ध्यान रखें कि निर्दोषों को अनावश्यक परेशानी न हो। पूर्वी सिंहभूम के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडेय ने कहा है कि आपराधिक मामलों में अनुसंधानकर्ता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है उन्हें निष्पक्ष होकर मामले के तह तक जाना चाहिए ताकि किसी भी निर्दोष को अनावश्यक परेशानी नहीं झेलना पड़े।

श्री पांडेय आज पूर्वी सिंहभूम जिला विधिक सेवा प्राधिकार, डालसा द्वारा जिला व्यवहार न्यायालय के लोक अदालत सभागार में आयोजित एक दिवसीय जिला स्तरीय बहु -हितधारकों के परामर्श कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांड की केस डायरी ऐसी हो जिसमें गरीबों को परेशानी न हो सके, निर्दोष परेशान न हो सके।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों के रूप में संबोधित करते हुए झारखंड स्टेट बार काउंसिल के वाइस चेयरमैन और वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने कहा कि समाज के कमजोर वर्ग को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान करना, विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए लोक अदालतों का आयोजन करना और कानूनी जागरूकता बढ़ाने के कार्य में नालसा, झालसा और डालसा ने अनेक मामलों का सौहार्दपूर्ण समाधान किया है। श्री शुक्ल ने डालसा के बाल हितों और महिला सुरक्षा के कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि न्याय तक समाधान पहुंच सुनिश्चित करने और समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा करने में झालसा और डालसा ने मह्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संविधान दिवस के दिन साढ़े नव हज़ार मामले सुलझा कर झालसा ने वर्ल्ड रिकार्ड बनाया है जिससे झारखंड गौरवांवित है।

श्री शुक्ल ने कहा कि न्याय के मंदिर को खड़ा रखने में प्रत्येक हितधारक की महत्वपूर्ण भूमिका है। पूर्वी सिंहभूम के ग्रामीण आरक्षी अधीक्षक ऋषभ गर्ग ने कहा कि आज के समय में सभी हितधारकों को अपने कार्य को बखूबी निभाना चाहिए। पूर्वी सिंहभूम के सिविल सर्जन डॉ शाहिर पाल ने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इससे बहुत सारी तकनीकी और चिकित्सकीय जांच पहलुओं में गुणवता आयेंगी।

कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडेय, परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश अजित कुमार सिंह, पूर्वी सिंहभूम के ग्रामीण आरक्षी अधीक्षक ऋषभ गर्ग, पूर्वी सिंहभूम के सिविल सर्जन डॉ साहिर पॉल, राज्य बार काउंसिल के उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ला, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रतिन दाश, सचिव कुमार राजेश रंजन और डालसा के सचिव धर्मेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

कार्यक्रम में स्वागत भाषण डालसा के सचिव धर्मेंद्र कुमार ने किया तथा जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रतिन दाश ने भी संबोधित कर ऐसे आयोजन के लिए बधाई दी। इस कार्यक्रम में भारी सख्या में न्यायिक अधिकारी, प्रशासन के अधिकारी, अधिवक्ताओं, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अलावे जिला पुलिस के कई आरक्षी उपाधीक्षक और आरक्षी निरीक्षक, थाना प्रभारी, एसआई, ए एसआई और डालसा के पीएलवी ने भाग लिया। कार्यक्रम दो तकनीकी सत्र में आयोजित किए गए।

पहले तकनीकी सत्र की अध्यक्षता विशाल गौरव, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जमशेदपुर ने की, जिसमें अधिवक्ता मध्यस्थ के.के. सिन्हा और मुख्य एलएडीसी विदेश सिन्हा शामिल थे और विषय था पोक्सो और महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित अन्य कानून वहीं दूसरे तकनीकी सत्र में सचिव धर्मेंद्र कुमार ने डीएलएसए की भूमिका और कार्यप्रणाली के बारे में बताया तथा कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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