ग्राम भदुईया मठ के बाशिंदे बरसों से गांव की दुर्दशा पर बहा रहे आंसू

गांव की गलियां हुई बदहाल लोगों का रास्ता निकालना हुआ दुश्वावार

कीचड़ युक्त मार्ग से निकलने को मजबूर स्कूली बच्चे, गिरकर होते रहते है चुटैल

अलीगंज।विकासखंड अलीगंज क्षेत्र के ग्राम भदुईया मठ के बाशिंदे आज भी नरकीय जीवन यापन करनें को मजबूर हैं। इस गांव में लोगों को पीने के पानी की भी भारी किल्लत है। लोगों के घरों से निकलने वाले पानी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है गांव की गलियों में पानी निकासी के लिए नालियों की व्यवस्था नहीं की गई और न ही गलियों में सीसी का निर्माण कराया गया है। जगह-जगह जल भराव कीचड़ युक्त होने से मच्छर भी पनपते हैं और दूषित दुर्गंध भी निकलती है।

आज दिन तक कई ग्राम प्रधान और ब्लाक प्रमुख चुने गए जिन्होंने अपना और अपने परिवार का विकास तो किया लेकिन इस गांव की तरफ किसी ने भी कभी तक कोई ध्यान नहीं दिया। सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिए आई हुई धनराशि का बंदर बांट करते रहे। आज भी इस गांव के 80 प्रतिशत लोग खुले मैदान में शौच करने को मजबूर हैं लोगों के घरों में शौचालय की व्यवस्था नहीं है।

ग्रामवासी हेमंत ने बताया कि कार्य का रूपये निकाल लिया जाता है और अपनें चाहेतों का जॉब कार्ड बना दिया गया है लेकिन पात्र लोगों का अभी तक जॉब कार्ड नहीं बना है इस गांव की आबादी लगभग 1500 है। सदियों पुराना खरंजा पड़ा है जो टूट कर दलदल का रूप ले चुका है। चुनाव के समय अपना उल्लू सीधा करने के लिए ग्राम वासियों को विकास करने के लिए झूठे आश्वासनों का घूंट पिलाते रहे और चुनाव जीतने के बाद इस गांव की तरफ मुड़कर के भी नहीं देखा कि यहां के बाशिदें कैसे जीवन यापन कर रहे हैं।

सरकारी अफसर गांवों के विकास के लिए लाखों रुपए खर्च करने का दावा करते हैं। गांवों में सीसी रोड तक नहीं बनने से जर्जर सड़कों से गुजरना लोगों की मजबूरी है। गांव की सबसे बड़ी समस्या पानी की निकासी भी है। घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़क पर भरे होने से लोगों को उसी से होकर आना-जाना पड़ता है। वहीं सफाई नहीं होने से गंदगी के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं।

जल भराव के कारण स्कूली बच्चों को होती है अत्यधिक समस्याएं

जलभराव के चलते आने जाने वालों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है इससे अत्याधिक तो छात्र छात्राओं को समस्या होती है जब वह पढ़ने के लिए स्कूल जाते हैं तो जलभराव स्वरूप गंदगी में गिरकर कपड़े गंदे हो जाते हैं जिससे छात्र छात्राएं स्कूल जाने से वंचित रह जाती हैं इतना ही नहीं कभी-कभी जलभराव होने के चलते इसमें गिरकर छात्र-छात्राएं चुटैल भी हो जाती हैं गांव में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है जबकि कई बार इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से की गई है लेकिन स्वच्छता के नाम पर सिर्फ आश्वासन मिला समाधान नहीं।

गांव में नहीं है स्ट्रीट लाइटें, ना ही हुआ चकरोड का निर्माण

ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान शिखा सिंह व ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अजय सिंह चौहान द्वारा किसी भी प्रकार का कोई भी विकास कार्य नहीं कराया गया है। चुनाव के समय गांव के लोगों से विकास करने के लिए ढेर सारे वादे किए थे लेकिन चुनाव जीतने के बाद अभी तक इस गांव की बदहाली को सुधारने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया है। गांव में स्ट्रीट लाइट नहीं है जैसे लोगों को अंधेरे में निकालना पड़ता है और साथ ही गांव में किसी भी प्रकार का कोई भी चक रोड का निर्माण कार्य नहीं कराया गया है जिससे ग्राम वासियों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है ग्रामीणों द्वारा कई बार संबंधित अधिकारियों व आइजीआरएस के माध्यम से अवगत कराया लेकिन गांव की समस्याएं जस की तस बनी हुई है। .

क्या कहना है ग्राम वासियों का

राजरानी देवी ने बताया कि गांव का बुरा हाल है गांव में अभी तक किसी भी प्रकार का कोई भी विकास कार्य नहीं कराया गया है सरकार द्वारा आयी धनराशि को चुने गए ग्राम प्रधान हड़प गए इसी कारण यह गांव बहुत उजडा और पिछड़ा हुआ है गांव की समस्याओं से निजात पाने के लिए ग्राम वासियों ने कई बार आईजीआरएस व प्रार्थना पत्र के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन आज तक कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ।

ग्रामीण महेंद्र सिंह ने बताया कि जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण गंदगी का अंबार लगा है। इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। गांव में नियमित सफाई नहीं कराए जाने से जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं और नाले-नालियां जाम होने से गंदा पानी सड़क पर बहता रहता है। कीचड़ युक्त दलदल से परेशान ग्रामीण कई बार जिम्मेदार लोगों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन पानी निकासी पर किसी ने ध्यान नहीं दिया है। गांव में गंदगी पसरी होने के कारण मच्छर पनप रहे हैं और संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं।

प्रेमा देवी ने बताया कि जो यह मौसम चल रहा है इसमें मच्छरों का अत्यधिक प्रकोप रहता है लेकिन हमें मच्छरों का डर कैसा जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की मेहरबानी से यह समस्या तो काफी समय से बनी है जिसका अभी तक समाधान नहीं हुआ है। कई बार आईजीआरएस व तहसील समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र दिया लेकिन समस्या का कोई भी निस्तारण नहीं हुआ।

सोमवती का कहना है कि गलियों में पानी भरा होने से अत्यधिक समस्याएं स्कूली बच्चों को होती हैं जब भी स्कूली बच्चे स्कूल जाते हैं तो अधिकारियों की मेहरबानी से गलियों में बह रहे दलदल युक्त पानी में गिर जाते हैं कई बार तुम बच्चों को चोटे भी लग जाती हैं लेकिन प्रधान द्वारा कोई भी कार्य नहीं कराया गया है।

प्रधान प्रतिनिधि अजय चौहान ने बताया कि बारिश के चलते काम नहीं हो पा रहा है ईट पड़ चुकी हैं। पहले इसमें पाइप लाइन डाली गई थी जिससे पानी ऊपर आ जाता है। तालाब तक नाली निर्माण कार्य कराया जा रहा है।

सचिव राजेंद्र सिंह का कहना है कि गांव में जाकर ग्रामीणों से वार्ता की जो भी कार्य उसका निस्तारण जल्द ही कराया जाएगा जिससे लोगों को समस्याओं से निजात मिल सके।

बीडीओ गोपाल गोयल ने बताया कि जो भी कार्य हुए हैं उसकी जांच कराई जाएगी। गांव मे सचिव को भेजा है जांच कर ग्रामीणों से बात करके जो भी कार्य हैं कार्य योजना में डालकर कार्य कराया जाएगा। जो भी नाली खड़ंजा है उसको पूर्ण कराया जाए।

एसडीएम अलीगंज जगमोहन गुप्ता ने बताया कि ब्लॉक के माध्यम से पानी की निकासी नहीं हो रही है तो निस्तारण किया जाएगा। अगर नाली नहीं है तो बनवाने के लिए निर्देश किया जाएगा। खंड विकास अधिकारी से मौके पर जाकर निस्तारण के लिए बोला है। जिसमे निधि कार्य मे आता है उसे निधि से कार्य कराया जाएगा जिससे ग्रामीणों को असुविधा ना हो।

दिलीप सिंह मंडल ब्यूरो एटा उत्तर प्रदेश

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