समीक्षा बैठक। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा, किसानों की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है : केंद्रीय मंत्री श्री चौहान

राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली में राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं की वर्चुअल माध्यम से समीक्षा बैठक की। इस बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव डॉ देवेश चतुर्वेदी और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्रालय के विभिन्न कार्यों की समीक्षा करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नए वर्ष में नए संकल्पों के साथ कृषि विकास व किसान कल्याण के कामों को हम तेज गति से आगे बढ़ाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीन से कहा था कि मैं तीसरे टर्म में तीन गुना ताकत से काम करूंगा, हम भी संकल्प लें कि अपनी पूरी क्षमता से काम में जुटेंगे। श्री चौहान ने कहा कि यह खुशी की बात है कि इस वर्ष कृषि क्षेत्र व संबद्ध क्षेत्र की विकास दर साढ़े 3 प्रतिशत से 4 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना है। इसके लिए मैं अपने किसान भाइयों और सभी राज्यों के मंत्रियों को बधाई देता हूं क्योंकि आप सभी के परिश्रम से ही यह परिणाम आते हैं।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में किसान कल्याण और कृषि क्षेत्र में विकास की हमारी 6 सूत्रीय रणनीति है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले उत्पादन बढ़ाना – प्रति हेक्टेयर या प्रति एकड़ उत्पादन कैसे बढ़ सकता है यह सरकार की रणनीति है, उसके लिए आईसीएआर लगातार रिसर्च करके उन्नत बीजों की किस्म को जारी करता है। सूक्ष्म सिंचाई योजना, मैकेनाइजेशन, तकनीक का प्रयोग, नई कृषि पद्धतियां आदि अनेकों दिशा में हम काम कर रहे हैं। उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ उत्पादन की लागत कैसे घटे? आय को तेजी से बढ़ाने के लिए उत्पादन की लागत कम करने होगी आदि पर काम कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि प्रारंभ की है। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि अब तक 11 करोड़ किसानों को 18 किश्तों में 3.46 लाख करोड़ रुपये (3 लाख 46 हजार करोड़ रुपये) की राशि वितरित की गई है। मोदी जी के तीसरे कार्यकाल के प्रथम 100 दिनों में 25 लाख से ज्यादा पात्र किसानों जोड़ा गया। 18वीं किश्त का लाभ लेने वालों की संख्या बढ़कर 9.58 करोड़ (9 करोड़ 58 लाख) हुई। उन्होंने कहा कि पीएम फसल बीमा योजना विश्व की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है।

इसमें ऋणी आवेदन 876 लाख हैं और गैर-ऋणी आवेदन 552 लाख हैं। कुल 14.28 करोड़ (14 करोड़ 28 लाख) किसानों ने आवेदन किया है, 602 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बीमित है और सकल बीमित राशि 2,73,049 करोड़ रुपये (2 लाख 73 हजार 049 करोड़ रुपये) है। 4 करोड़ किसानों को योजना से लाभ मिला है। योजना के प्रारंभ से अब तक 17 हज़ार करोड रुपए क्लेम के रूप में किसान भाइयों को दिया जा चुका है। श्री चौहान ने बताया कि कहा कि हमारे यहां उत्पादन की लागत घटाने के लिए फर्टिलाइजर पर सब्सिडी की व्यवस्था है पिछले साल1लाख 95 हज़ार करोड रुपए खर्च हुए थे। कैबिनेट ने

1 जनवरी को फैसला लिया है कि फसल बीमा योजना में पहले से जो 66हज़ार करोड रुपए का प्रावधान था उसे बढ़ाकर 69 हज़ार करोड रुपए से ज्यादा कर दिया गया है। फर्टिलाइजर सब्सिडी जैसे DAP अब 1350 रुपए कीमत पर प्रति 50 किलो ग्राम की बोरी मिलेगी, इसके liye 3800 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है। माध्यम से उचित समय पर राशि हस्तांतरित की जाएगी, अगर कोई बीमा कंपनी क्लेम देने में विलंब करेगी तो उसे राशि पर 12% ब्याज देना होगा। उन्होंने बताया कि केंद्र अपने हिस्से की राशि तत्काल देगा। उन्होंने राज्यों से अपील करते हुए कहा कि वह भी ऐसी स्थिति में तत्काल पैसा देने का प्रबंध करें।

उन्होंने कहा कि किसानों के हितों में मौसम आधारित फसल के लिए भी कई इंतजाम किए जा रहे हैं और किसानों के हितों में पिछले दिनों में कई फैसले किए गए हैं। उन्होंने बताया कि टॉप (टमाटर, प्याज और आलू) फसलों के मामले में, कटाई के चरम समय के दौरान उत्पादक और उपभोक्ता राज्यों के बीच मूल्य का अंतर पाटने के लिये सरकार ने केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा किये गए कामों के लिये परिवहन और भंडारण का खर्च वहन करने का निर्णय लिया है।

तिलहनों के विकल्प के रूप में मूल्य घाटा भुगतान योजना के क्रियान्वयन के लिये राज्य आगे आयें, इसके लिये कवरेज को तिलहनों के राज्य उत्पादन के मौजूदा 25% से बढ़ाकर 40% किया गया है। अवधि को भी 3 महीने से 4 महीने किया गया है। 2024-25 के लिये सोयाबीन में मॉइश्चर सीमा 12% से बढ़ाकर 15% की गई। 6 राज्यों से अब तक 11.41 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदी गई है और यह अब भी जारी है।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा है, किसानों की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है। यही मानकर कृषि विभाग आप सभी राज्यों के सहयोग से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि बजट के बारे में, योजनाओं में सुधार आदि के संबंध में मिलकर सुझावों को साझा करें और उस दिशा में हम मिलकर कदम आगे बढ़ाएं।

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