अलीगंज। विधानसभा से तीन बार विधायक रह चुके समाजवादी पार्टी के नेता रामेश्वर सिंह यादव तीन साल, तीन महीने और 14 दिन बाद जेल से जमानत पर रिहा हुए। रविवार को जैथरा स्थित अपने आर एस कोल्ड स्टोर पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए वे भावुक हो गए और रो पड़े। उनका रोते हुए यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान पूर्व विधायक ने अपना दर्द बयां किया।
उन्होंने कहा कि 75 वर्ष की उम्र में उन्हें बलात्कार जैसे मुकदमों में जेल भेजा गया, जबकि वे उन महिलाओं को जानते तक नहीं थे। उन्होंने बताया कि 26 सितंबर को उनकी रिहाई बेहद गोपनीय तरीके से हुई थी।रामेश्वर सिंह यादव ने आरोप लगाया कि यदि उनकी रिहाई की खबर सार्वजनिक हो जाती, तो उन्हें और जुगेंद्र सिंह को जेल से बाहर नहीं निकलने दिया जाता। उन्होंने यह भी कहा कि उन पर कई ऐसे मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें शिकायतकर्ता महिलाओं से उनका कोई परिचय नहीं था।
भावुक होकर उन्होंने कहा, मुझे जिंदा रहने के काबिल नहीं छोड़ा।पूर्व विधायक को रोते देख कार्यकर्ता कुछ देर के लिए स्तब्ध रह गए। बाद में उन्होंने ‘जिंदाबाद’ के नारे लगाकर रामेश्वर सिंह यादव का हौसला बढ़ाया।
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव और उनके भाई रामेश्वर सिंह यादव को 26 सितंबर को दर्ज मुकदमों में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली थी।न्यायालय से जमानत मिलने के बाद दोनों नेताओं को एटा जेल से रिहा कर दिया गया। रामेश्वर सिंह यादव 5 अक्टूबर को जैथरा में कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे थे।
जानकारी के अनुसार, दोनों नेताओं पर लगभग 100-100 मुकदमे दर्ज हैं।
रामेश्वर सिंह यादव तीन बार विधायक रह चुके हैं। वह 1996 में अलीगंज विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक चुने गए थे। इसके बाद उन्होंने 2002 और 2012 में भी समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता। 2017 और 2022 के चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। जुगेंद्र सिंह यादव 2006 और 2011 में जिला पंचायत अध्यक्ष रहे। उन्होंने 2017 और 2022 में एटा सदर विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके। वर्तमान में उनकी पत्नी रेखा यादव जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।
दोनों नेताओं की जमानत मंजूर होने के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा जा रहा है।
दिलीप सिंह मंडल ब्यूरो एटा उत्तर प्रदेश