रांची, 26 जून 2024
उपरोक्त जानकारी देते हुए संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव झारखंड छत्तीसगढ़ प्रभारी विजय शंकर नायक ने आज बताया कि इस संदर्भ में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं संसदीय कार्य मंत्री माननीय किरण रिजिजू को आज ईमेल के माध्यम से एक पत्र लिखकर या अनुरोध किया है कि संसद के चालू सत्र में सरना धर्म कोड बिल और हो , मुंडारी , कुड़ुख भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए संसद में बिल लाकर पारित कर इन वर्गों की मांग को पूरा करने की दिशा में ठोस और ऐतिहासिक पहल करने का कार्य करेंगे ताकि आदिवासी समाज को अपना एक अलग पहचान मिल सके ।
विजय शंकर नायक ने आगे कहा की झारखंड सरकार ने 11 नवंबर 2020 को झारखंड विधानसभा मे विशेष सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड बिल को लागू करने की मांग को सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था ।
झारखंड के साथ-साथ पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार के मुख्यमंत्री माननीय ममता बनर्जी ने भी बंगाल विधानसभा में आदिवासियों के सरना धर्म कोड को मान्यता देने से संबंधित यह प्रस्ताव बिना किसी विरोध के ध्वनिमत से पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया था ।
उसके बावजूद आज 5 वर्ष होने को हैं इस दिशा में भारतीय जनता पार्टी की केंद्र की सरकार ने कोई सकारात्मक ठोस पहल नहीं की है जो निंदा और आक्रोश का विषय है तथा आदिवासी समाज के साथ अन्याय भरा कदम भी है ।
श्री नायक ने आगे कहा कि आदिवासियों के वजूद बचाने के लिए इन मांगों की मंजूरी जरूरी है । सरना धर्म कोड बिल एवं हो,कुड़ुख, मुंडारी भाषा को आठवीं अनुसूची में अब तक नहीं डालने के कारण ही झारखंड के संसदीय चुनाव में अनुसूचित जनजाति आरक्षित सीटों से भारतीय जनता पार्टी का सुपड़ा साफ हो चुका है ।
इसलिए आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव से पूर्व यह दोनों महत्वपूर्ण बिल को संसद से पारित कराकर भाजपा आदिवासी समाज के विश्वास को पून: जीत सकती है और इसके अच्छे परिणाम भी मिल सकते हैं ।
इसलिए यह दोनों महत्वपूर्ण बिलों को अविलंब संसद के दोनों सदनों से पारित करा कर उसे कानून बनाकर आदिवासी समाज के बीच खोए हुए विश्वास को भारतीय जनता पार्टी पुनः प्राप्त करे और इस धर्म को मानने वाले आदिवासी समाज के साथ न्याय करे ।