संजय दंपति सालगिरह पर दिए सीख : कहा जिंदगी इसी का नाम है।

जमशेदपुर : मुझे एक पल चैन ना आएं सजना तेरे बिना … यह गीत एक बार फिर जीवंत हुआ जमशेदपुर प्रखंड़ अंतर्गत परसूडीह में। जी हां ! संजय कुमार अपने परिवार के सदस्यों एवं बेहद करीबी ईस्ट मित्रों व स्वजनों की उपस्थिति में अपने शादी के 35 वें सालगिरह पर अपने जीवन संगिनी शांति के गले में फूलों का जयमाला डालें। इस दौरान तालियों की गरगराहट गूंज उठी। फिर यह गीत …. मुझे एक पल चैन ना आएं सजना तेरे बिना … की धुन बजा तो सबों के चेहरे पर मुस्कराहट छा गई।

इतना ही नहीं विवाहित बेटियों , बहू एवं इकलौता बेटा पंकज ने पापा – मम्मी के सालगिरह को यादगार बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ा। संजय भैया जहां दुल्हे के रूप में कुर्ता पजामा पहने स्टेज पर दाखिल हुयें । वहीं शांति भाभी सज धजकर दुल्हन सी शर्माती हुयीं स्टेज पर दस्तक दीं। इस दौरान कैमरे एवं मोबाइल के फ्लैस खूब चमके। दोनों एक दूसरे के गले में जयमाला डालें। वहीं एक दूसरे को सोने की अंगूठी भी पहनाएं। दोनों संयुक्त रूप से केक कांटे। जमकर आतिशबाजी हुई।

फिल्मी गीतों के धुन पर पूरा परिवार नाचा , बेटियां मम्मी – पापा के सालगिरह के मौके पर बेहद मनमोहक ठुमके लगाए। बहू और बेटा पंकज भी नाचकर माहौल को खुशनुमा बनाया। सालगिरह समारोह में आएं आगुंतकों ने इस पल को अपने – अपने मोबाइल के कैमरे में कैद किये। इस दौरान लोगों ने कहा जिंदगी इसी का नाम है। देर रात तक गीत संगीत के धुन पर सबों ने नाचा , मस्ती की। लजीज व्यंजनों का स्वाद चखा।
सचमुच तनाव भरी जिंदगी में जीवन को रंगीन और हसीन बनाने के लिए उम्र बाधक नहीं बन सकता है बस जीने का अंदाज बदल दीजिए यह सीख दिया अपने 35 वें सालगिरह के दौरान संजय दंपति ने। आप दोनों को ढ़ेरों शुभकामनाएं !

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