संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सीनियर फेलोशिप के लिए चुने गए संतोष सिंह ।

लखनऊ/ लोक जीवन में कृषि संस्कृति की अवधारणा पर शोधकार्य करेंगे समाजसेवी संतोष सिंह। उक्त कार्य के लिए श्री सिंह का चयन संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किया गया है। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की सीनियर फेलोशिप योजना के तहत चयनित श्री संतोष सिंह दो साल में अपना शोधकार्य पूरा करेंगे। इस आशय की जानकारी संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की अधिकारिक वेबसाइट पर की गई है। अपना शोधकार्य ईमेज मीडिया ग्रुप के सम्पादक व राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता श्री यदुनाथ सिंह मुरारी जी के देखरेख में करेंगे।

उल्लेखनीय है कि शोध कार्य का शीर्षक ” लोकजीवन में कृषि संस्कृति की अवधारणा है।” अपने चयन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए श्री सिंह ने बताया कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि के बल पर ही भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता रहा है। खेती किसानी की अपनी एक संस्कृति है, लोक कथाएं हैं, कहानियां हैं, परंपराएं हैं। खेती किसानी के हर अवसर के लिए अपने गीत है। इन लोकगीतों के अपने एक विचार है।

प्राकृतिक खेती, वैदिक खेती, गौ आधारित कृषि का अपना एक इतिहास है। भारतीय ऋषियों ने खेती किसानी सम्बंधित बहुत पहले ही पुस्तकें लिखी है। भविष्य वाणियां की है। जो आज भी सटीक बैठती है। खेती घाटे का सौदा कभी नहीं रहा है। खेती के महत्व को इन पंक्तियों से समझा जा सकता है। “उत्तम खेती मध्यम बान, निषिद्ध चाकरी भीख निदान। ” आखिर क्या कारण है की खेती किसानी का दायरा घटता जा रहा है। खेती ● किसानी में प्रचलित लोक संस्कृति विलुप्त होती जा रही है। यह शोध इन्हीं मुद्दों पर केंद्रित है।

सामाजिक कार्यों से जुड़े श्री संतोष सिंह का कृषि समाज सेवा एवं स्वतंत्र लेखन से विगत ढाई दशक से नाता रहा है। लोक जीवन आधारित साहित्य की विभिन्न विधाओं पर लेखन, प्रकाशन, संपादन के कार्य में रुचि रखने वाले श्री सिंह कृषि के क्षेत्र में कार्यरत स्वयं सेवी संस्था ममता विकास समिति के माध्यम से देश के अग्रणी संस्था नाबार्ड के साथ मिलकर किसान कल्बो का गठन, स्वयं सहायता समूह का गठन सहित अनेको उपलब्धियां हैं।

श्री सिंह के चयन पर हिन्द मजदूर सभा के प्रदेश महामंत्री श्री उमाशंकर मिश्र, कृषि कानूनो के विशेषज्ञ अविनाश पांडे, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार से कठपुतली विषय पर शोधकार्य कर चुके साहित्यकार लायक़ राम मानव, बाल साहित्यकार शिक्षाविद् रामनरेश उज्जवल जी, इमेज मीडिया ग्रुप के संपादक व राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता यदुनाथ सिंह मुरारी सहित तमाम लोगों ने प्रसन्नता व्यक्ति करते हुए बधाई दी है।

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