सन्तकबीरनगर। जनपद के धनघटा विधानसभा के बहुचर्चित गांव सिरसी जो महेन्द्र नाथ राय की कर्म भूमि कही जाती है सिरसी के शिल्पकार के रूप में महेन्द्र नाथ राय के नाम से जाने जाने वाली सिरसी ग्राम पंचायत जहा से श्री महेन्द्र नाथ राय का इतिहास चालू होता है मात्र 18 बर्ष की आयु में पहली बार सिरसी की जनता ने उभरते हुए नव युवक महेंद्र नाथ राय के सर पर ताज पहना कर ग्राम प्रधान चुना था वही अपने गांव के जनता के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले ग्राम प्रधान महेंद्र नाथ राय ने जनता के विश्वास को इस कदर जीत लिया की करीब वर्षों तक महेंद्र नाथ राय प्रधान एवं प्रधान प्रतिनिधि के रूप में रहे। फिर राजनैतिक विरासत बड़े बेटे को सौंप दिए श्री सीता राम इंटर कॉलेज सिरसी के प्रबंधक एवं हैसर ब्लाक के ज्येष्ठ प्रमुख की कुर्सी तक का सफर तय कर अपने ग्राम पंचायत को विकास खण्ड का आदर्श ग्राम पंचायत बनाने का जो पूर्ण प्रयास महेंद्र नाथ राय जी ने किया वह धनघटा विधानसभा के इतिहास का एक जीता जागता उदाहरण है जो काम विधायक सांसद अपने गांव के लिए नहीं कर पाए वो काम एक छोटे-से परिवार में जन्मा सिरसी की माटी में पला बढ़ा गांव का वह बेटा महेंद्र नाथ राय ने गांव मे स्टेडियम,फायर ब्रिगेड थाना, राजकीय आई टी आई कालेज, सहित गांव के विकास में बहुत कुछ ऐसा किया गया जो सिरसी के इतिहास में धरोहर के रूप में श्री महेन्द्र नाथ राय का नाम स्वर्णाक्षरों में संजो कर रखा जाएगा। ऐसे महान व्यक्तित्व के अन्तिम दर्शन के लिए भारी संख्या में लोग उमड़ पड़े मानो आज धरा से अम्बर तक सबकी आंखे नम थी। स्वर्गीय श्री महेन्द्र नाथ राय के पार्थिव शव को श्री सीता राम इंटर कॉलेज के प्रांगण में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया जहा हजारों की संख्या मे भारी भीड़ उमड़ पड़ी। अंतिम संस्कार 11:00 बजे बिड़हर घाट पर किया गया मुख्यागनि उनके बड़े बेटे त्रिशूल धारी राय द्वारा मुखाग्नि दिया गया।