झारखंड राज्य बजट सत्र प्रारंभ हो चुका है, झारखण्ड सरकार से अपेक्षा है कि झारखंड सरकार का वित्तीय वर्ष 2025–26 बजट सत्र के दौरान राज्य सरकार से आशा और उम्मीद करता हूं कि आदिवासी बहुल राज्य होने के कारण, पेसा एक्ट 1996 पर चर्चा कर के झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों में शत प्रतिशत लागू कराएंगे, इस एक्ट के शत प्रतिशत लागू हो जाने से, झारखंड राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में, ग्राम सभा को विशेष अधिकार प्राप्त होगा,
एवं ग्रामीण आदिवासियों का सर्वांगीण विकास होगा, ग्राम सभा के माध्यम से अनुसूचित क्षेत्रों में निवास करने वाले आदिवासी समुदाय के लोग ग्राम सभा के माध्यम से, अपना सर्वांगीण विकास का खाखा तैयार कर सकेंगे, झारखंड सरकार से आशा करता हूं कि, झारखंड राज्य में जितने भी सी० एन० टी० एक्ट के तहत जमीन वापसी का मामला अंचल कार्यालय में दर्ज है, वैसे विचाराधीन मामले का निपटारा कर, जमीन के असली मालिक को वापस कराया जाएगा,
साथ ही इस सरकार से उम्मीद करता हूं कि जंगल क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासियों को शत प्रतिशत वन अधिकार कानून का अनुपालन कराते हुए, वन उपज में आदिवासियों का प्रथम अधिकार दिलाया जाएगा, झारखंड राज्य के औद्योगिक प्रतिष्ठानों में, आदिवासी संवेदक (ठेकेदार)से लेकर, क्लास 1 से क्लास 4 तक के कामगारों में स्थानीय आदिवासियों का समायोजन करने के लिए इस विधानसभा सत्र में कदम उठाएगी।